5 अगस्त 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

खनन पर ताला, 2 हजार श्रमिकों की रोजी-रोटी पर संकट

राज्यभर में क्रशर व चुनाई पत्थर उद्योग ठप, भीलवाड़ा से शुरू हुआ असर

राज्यभर में क्रशर व चुनाई पत्थर उद्योग ठप, भीलवाड़ा से शुरू हुआ असर
राज्यभर में क्रशर व चुनाई पत्थर उद्योग ठप, भीलवाड़ा से शुरू हुआ असर

राजस्थान स्टोन क्रशर एसोसिएशन एवं चुनाई पत्थर एसोसिएशन की राज्यव्यापी हड़ताल ने जोर पकड़ लिया है। इसी क्रम में शनिवार को भीलवाड़ा क्रशर एवं चेजा पत्थर खनन संघ की बैठक हुई। इसमें संगठन के 50 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में निर्णय किया गया कि शनिवार रात 12 बजे से जिले में खनन और निर्माण सामग्री उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। बिजौलियां खनन क्षेत्र में भी रविवार से पूरी तरह कार्य बंद रहेगा।

60 क्रशर प्लांट, 150 खनन पट्टे, एमसैंड और आरएमसी प्लांट ठप

संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार सोनी ने बताया कि जिले में हड़ताल से निर्माण कार्यों पर सीधा असर पड़ेगा। इससे श्रमिकों मजदूरी खतरे में पड़ सकती है। जिले में 60 क्रशर प्लांट, 150 से अधिक खनन पट्टे, 4 एम-सैंड प्लांट, 6 रेडीमिक्स कंक्रीट प्लांट और 24 से अधिक सीमेंट ईंट प्लांट बंद हो जाएंगे। इसके कारण जिलेभर में 2 हजार से अधिक श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे। साथ ही निर्माण गतिविधियों के रुकने से हजारों दिहाड़ी मजदूरों की आजीविका पर भी संकट मंडराने लगा है।

राजस्व नुकसान: 20 लाख प्रतिदिन

सोनी ने बताया कि सरकार के खनिज विभाग की रॉयल्टी और जीएसटी संग्रह का आर्थिक नुकसान होगा। हड़ताल के चलते सरकार को रोज़ाना करीब 20 लाख रुपए का नुकसान होगा। इसमें रॉयल्टी, जीएसटी और अन्य शुल्क शामिल हैं। यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं किया, तो यह नुकसान और भी बढ़ सकता है।

ऑल इंडिया क्रशर एसोसिएशन का समर्थन

हड़ताल को ऑल इंडिया क्रशर एसोसिएशन ने भी समर्थन दे दिया है। इससे अब आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय स्तर का बनता जा रहा है।

तीन कमेटियों का गठन

संगठन के रितु शेखर ने बताया कि हड़ताल की निगरानी और वार्ता के लिए तीन अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है, जो आंदोलन के दौरान रणनीति और सरकार से संवाद की जिम्मेदारी निभाएंगी। यदि सरकार ने समय रहते मांगें नहीं मानीं, तो यह हड़ताल राज्य के अन्य जिलों में भी निर्माण और खनन कार्यों को पूरी तरह ठप कर सकती है।

ये हैं संगठन की मुख्य मांगे

  • - ड्रोन सर्वे में तकनीकी खामियां।
  • - रॉयल्टी दरों में अनावश्यक वृद्धि।
  • - पर्यावरण एवं प्रदूषण अनापत्ति प्रमाण पत्रों में रोज नए नियम।
  • - वन विभाग की एनओसी की जटिल प्रक्रिया।
  • - खान विभाग की साइट का ट्रांसपोर्ट साइट से डीलिंक किया जाए।
  • - परिवहन विभाग की एमनेस्टी योजना को किया जाए बंद।
  • - खान विभाग की पोर्टल प्रणाली में सुधार किया जाए।

ऊपरमाल खनन क्षेत्र में लोडिंग का काम बंद

बिजौलियां. ऊपरमाल क्षेत्र में राजस्थान खनिज संगठन के लोडिंग बंद के आह्वान पर पूर्णतया लोडिंग काम बंद रहा। क्षेत्र की खदान, पत्थर स्टॉक, कटर मशीन फैक्ट्री पर किसी प्रकार की लोडिंग नहीं हुई। क्षेत्र के गोवर्धनपुरा, छतरी खेड़ा, भोतपुरा, लाडपुरा चिताम्बडा से करीब 500 से अधिक मजदूर जो लोडिंग करने के लिए आते हैं, उनको परेशानी का सामना करना पड़ा। केसरगंज चौराहा, शक्करगढ़ चौराहा, आरोली, कास्यां आदि खनन क्षेत्र में ट्रक, ट्रेलर खड़े नजर आए। दूसरी और पत्थर स्टॉक मालिकों का कहना है कि राखी का त्यौहार है अगर लोडिंग चालू रहता तो कारीगर, मजदूरों को त्योहारों का खर्चा देने में आसानी रहती। ऊपरमाल क्षेत्र में करीब 300 से अधिक पत्थर स्टॉक हैं। डेढ़ सौ से अधिक कटर मशीन है।

खदानों पर नहीं हो रहा खनन

क्षेत्र की अधिकांश खदानों में पानी भरा हुआ है। पट्टी, फर्सी, कोबल्स से 200 से अधिक ट्रक ट्रेलर का लदान होता था वह बंद हो गया है। सिंगोली क्षेत्र में खनन क्षेत्र से सबसे अधिक ट्रैक्टर ब्लॉक के जाते थे, वह बंद हैं। खंडडे पत्थर के पूरे क्षेत्र से 150 ट्रैक्टर बूंदी, लाड़पुरा, माडलगढ़, भीलवाड़ा, चित्तौड़ जाते थे वह लोडिंग बंद के कारण रुक गए हैं। पत्थर स्टॉक व्यवसाय से जुड़े संजीव सेठिया का कहना है कि लोडिंग बंद होने से मजदूर वर्ग के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।