झालावाड़ में हुए दर्दनाक हादसे के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों में स्कूलों का सर्वे करवा जर्जर कमरों को सील कर दिया। कार्रवाई के बाद स्थिति और भयावह हो गई। अब कई स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त कक्षाकक्ष ही नहीं हैं। परिणामस्वरूप, नौनिहालों को खुले आसमान के नीचे मैदानों, चबूतरों और टीन शेड के नीचे बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका ने सर्वे का काम पूरा होने और तीन दिन अवकाश के बाद स्कूलों के संचालन पर पड़ताल की तो। हालात कुछ इसी तरह के चौकाने वाले सामने आए।
मोहम्मदी कॉलोनी: एक कमरे में तीन स्कूल के छात्र
पत्रिका टीम शहर के भोपालपुरा रोड स्थित मोहम्मदी कॉलोनी पहुंची। यहां एक ही कमरे में राप्रावि भवानी नगर के 19 में से 9 बच्चे, राप्रावि गुर्जर पाड़ा के 18 में से 7 बच्चे और मोहम्मदी कॉलोनी स्कूल के 372 में से 115 छात्र पढ़ाई कर रहे थे। टीन शेड के नीचे बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही थी। टीचर साधना भंडारी ने बताया कि स्कूल में बैठने की जगह तो है, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी है। भवानी नगर व गुर्जर पाड़ा स्कूल के लिए शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर लगे है। पांच जनों का स्टॉफ शुक्रवार को कम रहा।
शास्त्रीनगर न्यू हाउसिंग बोर्ड: मैदान और चबूतरे पर चल रही पढ़ाई
शास्त्रीनगर टेम्पो स्टैंड के पास महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में 6 कमरे सील के बाद हालात बेहद खराब हैं। अब यहां केवल दो कमरे शेष हैं जबकि स्कूल में 170 छात्रों का नामांकन है। शुक्रवार को जब छुट्टियों के बाद स्कूल खुला, तो चार कक्षाएं मैदान में और तीन कक्षाएं चबूतरे पर चल रही थीं। स्कूल प्रधानाचार्य प्रियंका शर्मा का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, लेकिन फिलहाल स्थिति चिंताजनक है।
नाथद्वारा सराय स्कूल (काशीपुरी): शिक्षकों की भारी कमी, जिम्मेदारी बढ़ी
नाथद्वारा सराय स्कूल (काशीपुरी) में 100 से अधिक छात्र हैं, लेकिन यहां केवल चार शिक्षक हैं। इनमें से एक प्रतिनियुक्ति पर, एक पीटीआई और एक प्रिंसिपल हैं। प्रिंसिपल अक्सर बीमार रहते, जिससे स्कूल की व्यवस्था लड़खड़ा जाती है। एक शिक्षक ने बताया कि पिछले वर्ष भी पूरे साल एक ही शिक्षक ने पूरे स्कूल की जिम्मेदारी निभाई थी।
कई स्कूलों में गहराया संकट
जिले के कई स्कूलों में अब छात्रों को बैठाने की बड़ी समस्या सामने आई है। कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं जिन्हें पूरी तरह सील कर दिया। इन स्कूलों के बच्चों को अस्थायी रूप से अन्य स्कूलों या भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है, लेकिन वहां भी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।
Published on:
02 Aug 2025 09:26 am