
नवजात की हालत बेहद नाजुक (फोटो- पत्रिका)
भीलवाड़ा: जन्म के कुछ ही घंटे बाद दौलतपुरा गांव के पास झाड़ियों में फेंका गया नवजात महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ एवं शिशु इकाई के एनआईसीयू वार्ड में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहा है। नवजात को बाल कल्याण समिति ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर मिलने के चलते ’वल्लभ’ नाम रखा।
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. इंदिरा सिंह चौहान ने बताया कि अमानवीयता के शिकार इस नवजात की स्थिति बेहद चिंताजनक है। कांटों भरी झाड़ियों में फेंकने के कारण मासूम के पूरे शरीर पर जगह-जगह गहरे घाव और खरोंच हैं। बच्चे को गंभीर आघात लगा है और उसकी हालत को देखते हुए उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
शिशु विशेषज्ञ व सर्जन गहन निगरानी में उसका इलाज कर रहे हैं। नवजात का वजन दो किलो से ऊपर है और आशंका है कि घर पर प्रसव होते ही कुछ घंटों के भीतर ही इस मासूम को झाड़ियों में फेंक दिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर आरोपी मां की शिनाख्त कर रहे हैं। इस अपराध को अंजाम देने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मासूम वल्लभ के जीवन के लिए अस्पताल में दुआओं का दौर जारी है।
बताते चलें कि दौलतपुरा गांव के बाहर खेत के रास्ते पर मिले नवजात की हालत देखकर ग्रामीण सिहर गए थे। बंद आंखों से झकझोर देने वाली पीड़ा सहन कर रहे बच्चे को जैसे ही ग्रामीणों ने गोदी में लिया, बच्चा जमकर बिलखा। कांटों में बिलखते नवजात को अस्पताल पहुंचाया।
नवजात को इस तरह कौन छोड़कर गया पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है। क्षेत्र के अस्पताल में पिछले दिनों हुई डिलीवरी की जानकारी जुटाई जा रही है।
जिस जगह बच्चा मिला वह खेत के रास्ते पर था और सुनसान इलाका था। गनीमत रही कि बच्चे के साथ हुई क्रूरता का समय पर पता चल गया। दर्द से कराहते बच्चे की समय पर सुध लेने से जान बच गई।
Updated on:
02 Nov 2025 01:45 pm
Published on:
02 Nov 2025 12:25 pm
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