भीलवाड़ा जिले में स्कूल भवन सर्वे अभियान में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पहले जहां 30 स्कूलों को जर्जर श्रेणी में रखा था, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 76 तक पहुंच गई है। इन स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद जिम्मेदार संस्था प्रधानों के खिलाफ सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उधर, जहाजपुर ब्लॉक में स्थिति गंभीर होने के कारण एक स्कूल भंवरकलां गेट अंग्रेजी मीडियम महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय के पास की जगह को जमीदोज किया गया। शिक्षा विभाग ने सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया। अन्य 75 स्कूलों को लेकर अभी भी ठोस कार्रवाई नहीं की है।
संस्था प्रधानों की लापरवाही उजागर
सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कि जर्जर स्कूलों की जानकारी पहले से थी, लेकिन संस्था प्रधानों ने भवनों की मरम्मत या स्थानांतरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। विशेषज्ञों ने कहा है कि कई भवनों की स्थिति इतनी खराब है कि बारिश में उनकी छतें गिर सकती हैं। अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि जर्जर भवनों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त करवाया जाए और बच्चों को वैकल्पिक सुरक्षित भवनों में स्थानांतरित किया जाए।
ब्लॉकवार सूची: कहां-कहां है खतरे की घंटी
Published on:
03 Aug 2025 08:48 am