CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ गिरा है। मई, जून और जुलाई में दुर्ग पुलिस की सती और वाहनों चालकों की जागरुकता के चलते बेहतर परिणाम मिले हैं। पुलिस के अनुसार इसके पीछे सड़क इंजीनियरिंग में सुधार, रतार पर अंकुश और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई है।
पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दुर्ग जिले में जितना अपराध में लोग प्रभावित नहीं हुए, उससे अधिक सड़क दुर्घटना में हुए हैं। दुर्ग से रायपुर नेशनल और स्टेट हाईवे की रोड इंजीनियरिंग में खामियां मिलने के बाद सुधार किया गया। एक्सपर्ट के अनुसार खराब सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। इस मामले को लेकर पत्रिका ने हमेशा पाठकों और जिम्मेदारियों को जागरुक किया।
इसकी बदौलत सड़क इंजीनियरिंग में सुधार आई। सड़क को समतल किया गया और यातायात नियमों के अनुसार कई बदलाव किए गए। वहीं सड़क यातायात सुरक्षा के दौरान यातायात पुलिस ने स्कूल, कालेजों और सामाजिक कार्यक्रमों में शिविर लगाकर लोगों को ट्रैफिक के नियमों से अवगत कराया। जिसके परिणाम स्वरुप तीन महीने में सड़क हादसे, हादसे में घायल और मौतों की संया में भारी कमी आई है।
यातायात पुलिस दुर्ग ने सड़कों पर मवेशियों को छोड़ने वाले 36 मवेशी मालिकों के खिलाफ धारा 152 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की। यातायात पुलिस ने मवेशी मालिकों को चिन्हांकित कर संबंधित थानों के माध्यम से उनके खिलाफ विधिसमत कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की है।
इससे भविष्य में सड़कों पर मवेशियों की अनियंत्रित आवाजाही पर प्रभावी नियंत्रण तय किया जा सके। ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों से अपील कि है कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। मवेशियों को सड़कों पर खुला न छोड़े, इससे जनहित में सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाई जा सके।
नेहरु नगर से कुहारी तक नेशनल हाईवे के किनारे नो- पार्किंग में वाहनों को खड़ी करने वाले चालकों के खिलाफ सती की। क्रेन बुलाकर नो पार्किंग में खड़ी वाहनों की जब्ती बनाई गई। सर्विस रोड और नेशनल हाईवे पर कुहारी, डबरापारा, पावर हाउस बनाए और सुपेला में लाई ओवर के नीचे खड़े वाहनों को हटाया गया।
जिले में हर महीने सड़क सुरक्षा सप्ताह की मीटिंग में दुर्घटना को रोकने पर ठोस चर्चा हुई। एसएसपी द्वारा यातायात में होने वाली खामियों से अवगत कराया गया। जिस पर शासन ने संज्ञान में लेकर रोड इंजीनियरिंग में सुधार किया गया।
राहगीरों ने बताया कि नेशनल हाइवे की सड़क अच्छी बना दी गई है, लेकिन जगह-जगह पर अंधेरा छाया रहता है। रात में वाहनों के हेडलाइट की चकाचौध से वाहन चलाने में परेशानी होती है। लोग सही जगह पर अपर डिपर का उपयोग नहीं करते। ऐसे में हादसा होने का खतरा बना रहता है। वहीं रोड लाइट भी बंद रहती है। इससे सफर में मुश्किल होती है।
पीछले साल के तीन महीनों के आंकड़े की तुलना में सड़क हादसे 37, घायल-30 और मौत-13 की कमी आई है। नो-पार्किंग में खड़े वाहन, रतार पर नियंत्रण और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सती बरती गई। इसी वजह से हादसों और मौत में कमी आई। ट्रैफिक पुलिस लगातार कार्रवाई करती रहेगी। उमीद है आने वाले समय में और सड़क हादसों और कमी आएगी।
वर्ष 2025
हादसे घायल मौत
मई 116 103 23
जून 103 85 27
जुलाई 91 78 22
वर्ष 2024
हादसे घायल मौत
मई 129 107 36
जून 108 82 41
जुलाई 90 69 16
ट्रैफिक एएसपी ऋचा मिश्रा ने बताया कि एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर चौक चौराहों पर पाइंट बनाए। शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सती बरती। रतार, तीन सवारी, नो-पार्किंग, नो-इंट्री, मालवाहक में सवारी, संकेतों का उल्लंघन, ओवर लोड, सीट बेल्ट आदि पर कार्रवाई कर 2 करोड़ 19 लाख 50 हजार 500 रुपए शुल्क वसूल किए।
Updated on:
05 Aug 2025 12:00 pm
Published on:
05 Aug 2025 11:59 am