BSP Bonus 2025: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में स्टील प्लांट (बीएसपी) के 10,450 कर्मियों को इस साल भी बोनस (एक्सग्रेसिया) पुराने फार्मूले पर ही मिलने की संभावना है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) प्रबंधन बोनस को लेकर नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) यूनियन नेताओं की एक बैठक परंपरा के मुताबिक बुलाएगी।
इसके बाद कर्मियों के खातों में सीधे तय राशि भेज दी जाएगी। बीएसपी कर्मियों का कहना है कि संयंत्र में कर्मियों की संया कम होती जा रही है, इस वजह से यूनियन नेताओं की मांग में पहले जैसा दम नहीं रह गया है। वे प्रबंधन पर अपेक्षित दबाव नहीं बना पा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) का प्रॉफिट कर के पश्चात 1,011 करोड़ रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 में कर के पश्चात 1,178 करोड़ रुपए मुनाफा हुआ है। सेल प्रबंधन परफॉर्मेंस इंसेंटिव स्कीम (एसपीआईएस) के तहत एक्सग्रेसिया का कर्मियों को भुगतान करती है। स्कीम के मुताबिक कर्मचारियों को पिछले वित्त वर्ष के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर बोनस दिया जाता है।
बोनस को लेकर 15 अगस्त के बाद बीएसपी के संयुक्त यूनियन की बैठक होगी। यूनियन चाहती है कि बोनस को लेकर जल्द सेल प्रबंधन बैठक बुलाए। बोनस फार्मूला खत्म किया जाए। नए सिरे से चर्चा हो।
साल बोनस की रकम एनजेसीएस की बैठक
2024-25 26,500 रुपए 1 अक्टूबर 2024 को बैठक बेनतीजा
2023-24 23,000 रुपए 17 अक्टूबर 2023 को बैठक बेनतीजा
2022-23 28,000 रुपए 18 अक्टूबर 2022
2021-22 21,000 रुपए 5 अक्टूबर 2021
2020-21 16,500 रुपए 16 अक्टूबर 2020
2019-20 5,500 रुपए 3 अक्टूबर 2019
2018-19 13,000 रुपए 3 अक्टूबर 2018
2017-18 11,000 रुपए 26 सितंबर 2017
बोनस का फार्मूला बदला जाए। फार्मूला सरल हो जिसमें उत्पादन, उत्पादकता और लाभार्जन का समावेश हो, ताकि कर्मियों के सामने पारदर्शिता बनी रहे। बोनस को लेकर प्रबंधन जल्द बैठक बुलाए।
जानकारी के अनुसार प्रबंधन ने पहले ही साफ कर दिया है कि 2022 में जो समझौता हुआ है, वह 5 साल के लिए किया गया है। एनजेसीएस यूनियन नेताओं के समझौता में यह फार्मूला शामिल था। यही वजह है कि फार्मूले के मुताबिक बोनस दिया जाएगा। इस साल उम्मीद की जा रही है कि बीएसपी कर्मियों को करीब 30 हजार रुपए तक बोनस मिल सकता है।
बीएसपी के श्रमिक नेता बोनस के लिए तय किए गए फार्मूले को बदलने की मांग कर रहे हैं। 15 अगस्त के बाद संयुक्त यूनियन की बैठक भी होनी है। सेल परफॉर्मेंस इंसेंटिव स्कीम के तहत जो समझौता 2022 में हुआ था, उसमें पिछले 5 साल के पीबीटी एवरेज 92 फीसदी सेलेबल स्टील के अचीवमेंट के बाद ही रखा गया। सेलेबल स्टील का टारगेट तय करना प्रबंधन के हाथ में है।
इसमें यह जरूरी नहीं है कि 92 फीसदी अचीवमेंट हो। प्रॉफिट तय करने में जो पैरामीटर रखे जाते हैं, उसमें टेक्नो इकोनामिक पैरामीटर को भी जोड़कर रखा गया है। इसका कैलकुलेशन पूरी तरह प्रबंधन के हाथ में होता है। इससे एक्सग्रेशिया का कैलकुलेशन करना पूरी तरह प्रबंधन के हाथ में चला जाता है। इसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है।
Updated on:
11 Aug 2025 11:54 am
Published on:
11 Aug 2025 11:30 am