Rajasthan News : राजस्थान में अब मरीज के उपचार का डाटा ऑनलाइन होगा। ऑनलाइन डाटा के साथ मरीज पुराना उपचार रिकॉर्ड नहीं होने पर भी इलाज करा सकेगा। अस्पताल की दवा-दुकानों पर दवा नहीं होने की आनाकानी भी नहीं चलेगी और न ही चिकित्सक की लिखी दवाइयों की जगह फॉर्मेसी वाले दूसरी दवा दे सकेंगे। इससे अस्पतालों की दवाओं को गांवों में बेचने के मामलों पर भी रोक लगेगी।
इसके लिए राजस्थान सरकार ने आइएचएमएस पोर्टल शुरू किया है। इस पर मरीजों के उपचार सम्बन्धी रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इससे सरकार को प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप जिला एवं जिला अस्पताल में दवा स्टॉक के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी ताकि दवा के अभाव में मरीजों को भटकना नहीं पड़े। सरकार रोग की जांचें भी ऑनलाइन करने की तैयारी में है। मरीज कॉलेस्ट्रॉल, शुगर, बीपी, हिमोग्लोबिन संबंधी जांचों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इससे उपचार में आसानी होगी।
सरकार की इस व्यवस्था के बाद फॉर्मेसी वाले गलत दवा नहीं दे सकेंगे। उन्हें चिकित्सक की ओर से लिखी दवा ही देनी होगी। कई बार दवा नहीं होने का कहकर फॉर्मेसी संचालक मरीजों को टरका देते हैं, लेकिन अब दवाओं का स्टॉक ऑनलाइन होने से पूरी जानकारी रहेगी। दवाओं की कमी को लेकर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी।
सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ कार्ड तैयार करने के बाद मरीजों को उपचार का पुराना रिकॉर्ड साथ नहीं रखना पडे़गा। प्रदेश में कहीं भी उपचार करवा सकेंगे, पोर्टल पर क्लिक करते ही उनके उपचार एवं दवाओं की जानकारी मिल जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य निदेशक डॉ. अमित यादव ने प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सालयों में आइएचएमएस सॉफ्टवेयर में फॉर्मेसी मॉड्यूल में पर्चियों को इन्द्राज करने के आदेश दिए हैं, ताकि मरीजों का समय पर ई हेल्थ कार्ड मिल सके और इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ रिकॉर्ड समय पर तैयार हो सके।
आइएचएमएस सॉफ्टवेयर में फॉर्मेसी मॉड्यूल में पर्चियों को इन्द्राज करने के आदेश मिले हैं, आईएचएमएस पोर्टल पर दवाओं की पर्चियां ऑनलाइन करने का सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा। मरीज प्रदेश में कहीं पर भी उपचार लेगा तो उसे पुराना रिकॉर्ड साथ रखने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
Published on:
03 Aug 2025 02:01 pm