mp news: ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग भगत-भूमका पर भरोसा करते हैं। इसी के चलते बैतूल जिले के भीमपुर के चूनाभुरु गांव में एक महिला ने बाबा के कहने पर अपनी गर्भावस्था छिपा ली। बाबा ने महिला को अस्पताल न जाने की सलाह दी थी। जिससे मां और नवजात बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी। दस्तक अभियान के दौरान मामला सामने आया तो स्वास्थ्य विभाग (MP Health Department) के अधिकारियों ने महिला और उसके नवजात बच्चे को अस्पताल पहुंचाया है। (dastak abhiyan)
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कुमार हुरमाड़े ने बताया सोमवार को खंड चिकित्सा अधिकारी एवं बीपीएम, अंतरा फाउंडेशन के साथ संयुक्त रुप से भीमपुर के चूनाभुरु गांव में भ्रमण किया। इस दौरान एक नवजात शिशु की एचबी पीएनसी नवजात स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें उसका वजन मात्र 1500 ग्राम पाया गया। बच्चे की स्थिति गंभीर थी, मां की हालत भी नाजुक थी। पूछताछ में सामने आया कि महिला ने गर्भावस्था की बात छिपाई थी और पेट में गोल होने की बात कहती थी। पूछताछ में महिला ने बताया उसे गांव के एक बाबा ने अस्पताल न जाने की सलाह दी थी। (dastak abhiyan)
उसके ससुर उसे स्वास्थ्य केन्द्र जाने की अनुमति नहीं दे रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीएचओ निकिता उइके, एएनएम दीपिका ठाकुर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुलिया सरियाम ने कई बार महिला और परिवार को समझाने का प्रयास किया। बावजूद इसके परिवार का कोई भी सदस्य महिला के साथ अस्पताल जाने को तैयार नहीं था। स्वास्थ्य कर्मियों के लगातार समझाइश के बाद मां और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीमपुर रेफर किया गया, जहां दोनों को उपचार के लिए भर्ती किया। (dastak abhiyan)
मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी एवं अंतरा फाउंडेशन की टीम उपस्थित रही। सीएमएचओ डॉ. हुरमाड़े ने बताया सीएचओ और एएनएम को नियमित फॉलोअप के निर्देश दिए गए हैं ताकि मां और शिशु की स्वास्थ्य निगरानी बनी रहे।
Published on:
30 Jul 2025 01:30 pm