मानसून पर आधारित खरीफ फसल की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने तहसीलवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शाहपुरा कृषि विस्तार कार्यालय के अधीन तीन तहसील क्षेत्रों में 70 हजार 320 इस वर्ष 56863 हैक्टेयर जमीन में खरीफ फसल की बुवाई की जाएगी। पानी की कमी के चलते पशुओं के लिए चारे की कमी को देखते हुए किसान सर्वाधिक 5100 हैक्टेयर में बाजरे की फसल की बुवाई करेंगे। क्षेत्र में पेयजल की कमी के चलते किसान मानसून पर आधारित है। जिसके चलते किसान सालभर में खरीफ फसल का ही उत्पादन कर पाते हैं। पानी की कमी होने से चारे की कमी भी रहती है। ऐसे में किसान सर्वाधिक बाजरे की फसल की बुवाई करते हैं। जहां पर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है वहां पर जरूर मूंगफली की बुवाई कर लेते हैं।
क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता नहीं …
इस वर्ष कृषि विभाग ने सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय शाहपुरा के अधीन शाहपुरा, जमवारामगढ़ व आंधी तहसील क्षेत्र में 70 हजार 320 हैक्टेयेर जमीन पर खरीफ फसल की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें भी चारे की कमी को देखते हुए सर्वाधिक 5100 हैक्टेयर बाजरे की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। जबकि मूंग, उड़द, चवला की नाम मात्र की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता नहीं है। किसानों की खेती बारिश पर आधारित रह गई है। मानसून अच्छा बरस जाए तो फसल अच्छी हो जाएगी।
अब तक 35 प्रतिशत से ज्यादा हुई बुवाई …
इस बार समय पर मानूसन आने पर किसान खरीफ फसल की बुवाई में जुटे हुए हैं। शाहपुरा, जमवारामगढ़ व आंधी तहसील क्षेत्र में किसानों ने अब तक 35 प्रतिशत से ज्यादा हैक्टेयर में फसल की बुवाई कर चुके हैं। बुवाई का कार्य चल रहा है।
खरीफ फसल बुवाई एक नजर में …
फसल-लक्ष्य (हैक्टेयर)
बाजरा-51000
मूंगफली-8000
ग्वार-5000
मक्का-650
तिल-300
मूंग-100
उड़द-100
चंवला-150
ज्वार-20
अन्य-5000
इनका कहना है…
पानी की कमी के चलते क्षेत्र में फसल बुवाई को लेकर किसान मानसून पर निर्भर है। समय पर मानसून आने पर किसान खेतों में फसल बुवाई को लेकर जुटे हुए हैं। बिजाई का समय भी अनुकूल है। मौसम को देखते हुए बुवाई कार्य करें।
-बाबूलाल यादव, सहायक निदेशक कृषि विस्तार शाहपुरा
Updated on:
25 Jun 2025 05:15 pm
Published on:
25 Jun 2025 05:13 pm