अजीतगढ़ शहर सहित क्षेत्र में बारिश के मौसम में स्ट्रीट डॉग्स का आतंक बढ़ गया है। गली मोहल्लों में बच्चे महिलाएं डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। जिससे आए दिन अजीतगढ़ उपजिला अस्पताल में डॉग बाइट के शिकार मरीज अस्पताल पहुंच रहे है। बीते ढाई साल में अजीतगढ़ उपजिला अस्पताल में 2163 लोग डॉग बाइट के शिकार होकर अस्पताल पहुंचे हैं जिनमें करीब 100 लोगों को जयपुर रैफर किया गया। इसके बावजूद भी नगरपालिका प्रशासन द्वारा आवारा श्वानों के आतंक से मुक्ति के कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। बारिश के मौसम में श्वानों का आतंक गंभीर समस्या है। अजीतगढ़ उपजिला अस्पताल में दर्जनों गांव ढाणियों के लोग उपचार के लिए आते हैं। पीएमओ डॉ. अशोक कुमावत ने बताया कि अजीतगढ़ उप जिला अस्पताल में वर्ष 2023 में 630 मरीज श्वान के काटने के आए जिनमें से 30 मरीजों को जयपुर रैफर किया गया। 2024 में 877 मरीज आए जिनमें से 40 मरीजों को जयपुर रैफर किया गया तथा जनवरी 2025 से 28 जुलाई तक 616 मरीज श्वान के काटने के आए जिनमें से 30 मरीजों को जयपुर रैफर किया गया। नगर पालिका एवं ग्राम पंचायतों को कस्बे एवं गांवों में आवारा एवं पालतू डॉग के एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए।
इंजेक्शन की ऐसी है व्यवस्था
अजीतगढ़ ब्लॉक में 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक उप जिला चिकित्सालय संचालित है। अजीतगढ़ ब्लॉक के मुख्य ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र यादव ने बताया कि अजीतगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर केवल एंटी रेबीज वैक्सीन इंजेक्शन ही उपलब्ध रहता है वहां एंटी रेबीज सीरम इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं है। जबकि अजीतगढ़ के उप जिला अस्पताल में दोनों प्रकार के इंजेक्शनों की व्यवस्था होती है।
इनका कहना है…
एक सप्ताह में बाहर से टीम बुला कर आवारा श्वानों की नसबंदी करवाई जाएगी। साथ ही उनके एंटी रेबीज के टीके भी लगवाने का कार्य करवाया जाएगा।
-जुबेर खान, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका अजीतगढ़
पंचायतों के पास आवारा श्वानों को पकड़वाने के लिए कोई अलग से बजट नहीं आता है फिर भी हर पंचायत अपने स्तर पर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाती है।
-शंभूदयाल मीणा, अध्यक्ष, ग्राम प्रशासक संघ अजीतगढ़ क्षेत्र
Published on:
29 Jul 2025 10:37 pm