जयपुर जिले के चाकसू थाना क्षेत्र में बजरी माफिया के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी और लचर कार्रवाई के चलते ओवरलोड बजरी से भरे डम्पर सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। ये वाहन अपनी पहचान छिपाने के लिए नंबर प्लेट पर कालिख पोतकर चलते हैं, जिससे इन पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई मुश्किल हो जाती है। ऐसे डम्पर चाकसू, निवाई, कोटखावदा और जयपुर सहित अन्य स्थानों के लिए बजरी लेकर रवाना होते हैं, लेकिन न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग इन पर कोई कार्रवाई करता नजर आ रहा है। इन डम्परों की आवाजाही शिवदासपुरा, चाकसू व अन्य थाना क्षेत्रों से खुलेआम हो रही है, लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं।
पुलिस की दोहरी भूमिका पर सवाल
जहां आमजन द्वारा यातायात नियमों के मामूली उल्लंघन पर पुलिस तुरंत चालान काट देती है, वहीं बिना नंबर और ओवरलोड डम्परों पर कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है। जब कभी परिवहन विभाग इन डम्परों को पकड़ने की कोशिश करता है तो चालक बीच सड़क पर ही बजरी खाली कर वाहन छोड़कर भाग जाते हैं। नंबर प्लेट पर कालिख होने के कारण वाहन की पहचान भी नहीं हो पाती और कार्रवाई अधूरी रह जाती है।
हादसों के बाद कौन होगा जिम्मेदार ?
इन डम्परों की सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि किसी सड़क हादसे की स्थिति में इनकी पहचान तक संभव नहीं हो पाती। चालक वाहन को मौके से भगा ले जाते हैं और बिना नंबर के कारण टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं चल पाता। ऐसे में न तो पीड़ित को न्याय मिल पाता है और न ही मुआवजा। पुलिस भी इन मामलों में औपचारिकता निभाकर केस को ‘अज्ञात वाहन’ बता कर बंद कर देती है।
इनका कहना है….
बिना नम्बर के डम्पर चलने की बात सही है,लेकिन ये डम्पर चालक वाहन को रूकवाने पर नहीं रोकते और पीछा करने पर जानलेवा हादसा होने की आशंका रहती है। ऐसे मामलों में टोल प्लाजा वालों का भी सहयोग नहीं मिलता। पहचान नहीं होने के कारण वे कार्रवाई से बच जाते है। हालांकि हमने ऐसे कुछ वाहनों का चालान भी किया है। यह हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य होता जा रहा है।
-शालिनी सिंह,परिवहन निरीक्षक चाकसू
Updated on:
28 Jun 2025 04:22 pm
Published on:
28 Jun 2025 04:20 pm