बस्सी। जयपुर ग्रामीण के बस्सी, चाकसू, जमवारामगढ़ और आंधी क्षेत्र में मंगलवार को जोरदार बरसात हुई। कोटखावदा में सर्वाधिक 160 एमएम, तूंगा में 86, जमवारामगढ़ में 71, जबकि बस्सी व आंधी में 35-35 और चाकसू में 23 एमएम बरसात दर्ज हुई। लगातार बारिश से ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। जिला कलक्टर ने बस्सी व चाकसू उपखंड अधिकारियों, तहसीलदारों के साथ जलभराव वाले क्षेत्रों, बांधों और ढूंढ नदी पर बने रपटों का निरीक्षण किया।
कोटखावदा क्षेत्र में सोमवार रात हुई 160 एमएम बारिश ने हालात बिगाड़ दिए। कस्बा और आसपास के गांव-ढाणियों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोगों के घरों से निकलना मुश्किल हो गया, वहीं सड़कों पर पानी के तेज बहाव से वाहनों का आवागमन ठप हो गया। जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी और चाकसू विधायक रामावतार बैरवा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की।
रात 12 बजे से सुबह 7 बजे तक लगातार बरसात से कोटखावदा की कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। हरिजन मोहल्ला, बैरवा कॉलोनी और औघड़ बालाजी क्षेत्र में घरों में पानी घुसा। चाकसू-दौसा व तूंगा स्टेट हाइवे पर पानी बहने से यातायात बाधित हुआ। झांपदा कलां में चार तालाब टूटने से गांव में पानी फैल गया। कई सड़कों पर कटाव और सपर्क टूट गया। खेल मैदान की दीवार ढहने से 20 लाख का नुकसान और 30 हजार से अधिक पौधे बह गए। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए।
बरसात से प्रभावित 14 परिवारों का पुनर्वास किया गया। इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर भोजन और आवास की व्यवस्था की गई। प्रशासन ने कई सड़कों को काटकर पानी निकासी करवाई।
बस्सी उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत खिजुरिया ब्राह्मणान के बिशनसिंहपुरा गांव में मंगलवार दोपहर तेज बारिश और ढूंढ नदी के बढ़ते बहाव ने बांध को तोड़ दिया। ग्रामीण पिछले एक माह से दिन-रात मेहनत कर बांध बचाने में जुटे थे, लेकिन लगातार पानी के दबाव ने उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया। गौर करने वाली बात यह रही कि जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी समेत प्रशासनिक अधिकारियों के बांध का निरीक्षण कर लौटने के मात्र दस मिनट बाद ही बांध टूट गया। बांध टूटने से ग्रामीणों में मायूसी छा गई, हालांकि लोग तुरंत बचाव के लिए जुट गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अगर प्रशासन ने समय रहते मोरी पर पिचिंग कराई होती तो बांध को बचाया जा सकता था। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब जिमेदारों की लापरवाही से बिशनसिंहपुरा बांध टूट गया, जिससे क्षेत्र में यातायात और जनजीवन बाधित हो गया।
चाकसू के ग्राम छांदेल कलां के पास ढूंढ नदी में मंगलवार को पानी का बहाव तेज होने से रपट पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। इससे राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानी हुई। सूचना पर पुलिस व प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर यातायात रोक दिया और एहतियातन एसडीआरएफ की टीम तैनात रही। बड़ी संया में लोग नदी किनारे जमा हो गए।
हरिपुरा क्षेत्र में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक हुई बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। रातभर हुई मूसलाधार बारिश से गांव-ढाणियां जलमग्न हो गई और खेत दरिया बन गए। क्षेत्र के श्यामपुरा, रामसागर और अचलपुरा सहित अधिकांश तालाब व बांध छलक पड़े। मनसा माता तालाब की पाल में रिसाव होने पर ग्रामीणों ने मिट्टी डालकर हालात संभाले। वहीं रूपाहेड़ी कलां में खारली नदी 11 साल बाद लबालब बह निकली। बारिश से कई मार्गों पर यातायात ठप हो गया।
ढूंढ और मोरेल नदी उफान पर आने से कोटखावदा-चाकसू, देहलाला-चाकसू और झांपदा कला-लालसोट मार्ग पूरी तरह बंद रहे। गरुड़वासी व हरिपुरा क्षेत्र में रपट बहने से लोगों को जेसीबी और ट्रैक्टर के सहारे पार करवाना पड़ा। कस्बे की कॉलोनियों में पानी भरने से लोग घरों में कैद हो गए। भारी बारिश से खरीफ की फसलें चौपट हो गईं। किसानों ने रातभर पानी निकालने और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मशक्कत की। हालात बिगड़ने पर जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
Updated on:
03 Sept 2025 04:01 pm
Published on:
03 Sept 2025 04:00 pm