
देश के प्रमुख जैन तीर्थों में शामिल श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ।
बालोतरा. देश के प्रमुख जैन तीर्थों में शामिल श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ की प्राचीनता महाभारत काल व भगवान नेमिनाथ के समय से मानी जाती है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार इसकी स्थापना लगभग 2200-2300 वर्ष पूर्व हुई। वीरमसेन की ओर से बसाए गए वीरमपुर (वर्तमान नाकोड़ा) की सांस्कृतिक धरोहर आज भी यहां के जिनालयों और भव्य वास्तुकला में दृष्टिगोचर होती है। नाकोड़ा पार्श्वनाथ महातीर्थ न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कला, इतिहास और संस्कृति का भी जीवंत प्रतीक है। पर्युषण पर्व पर यहां का माहौल श्रद्धा और उत्साह से सराबोर रहता है।
पर्युषण पर्व में ये होंगे आयोजन
पर्युषण पर्व पर नाकोड़ा तीर्थ में विशेष प्रवचन, ध्यान साधना, सामूहिक उपवास व भक्ति संगीत का आयोजन होगा। श्रद्धालु आत्मशुद्धि-संयम के संदेशों के साथ यहां दर्शन कर लाभान्वित होंगे।
देश-विदेश से आते सैलानी
ट्रस्टी हुलास बाफना ने बताया कि भैरवदेव की कृपा से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। जैन समाज के साथ अन्य धर्मों के अनुयायी भी यहां आकर आस्था प्रकट करते हैं। इतिहास बताता है कि यहां सम्राट अशोक के पौत्र सम्प्रति महाराजा, विक्रमादित्य, मानतुंगसूरीजी, यशोदेवसूरीजी समेत अनेक आचार्यों ने मंदिरों का जीर्णोद्धार और प्रतिष्ठा करवाई।
भगवान की प्रतिमा तीर्थ का आकर्षण
भगवान श्री पार्श्वनाथ के साथ यहां प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ, भगवान महावीर, श्री सीमंधर स्वामी व श्री शांतिनाथ प्रभु के जिनालय हैं। अद्भुत कारीगरी से सजे चैमुखा कांच मंदिर, समवसरण मंदिर, महावीर स्मृति भवन और सिद्धचक्र मंदिर कला व अध्यात्म का अनुपम उदाहरण हैं। वहीं अधिष्ठायक देव श्री नाकोड़ा भैरव की चमत्कारिक प्रतिमा तीर्थ का विशेष आकर्षण है, जिनकी ख्याति देश-विदेश तक फैली है।
ऐसे पहुंचे यहां
नाकोड़ा तीर्थ बालोतरा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर लूणी नदी के तट पर स्थित है। नजदीकी रेलवे स्टेशन बालोतरा और हवाई अड्डा जोधपुर है। बालोतरा से टैक्सी, रोडवेज व निजी बसों की नियमित सुविधा उपलब्ध है।
Published on:
24 Aug 2025 05:43 pm
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