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नमामि गंगे योजना को लगा झटका, नदी किनारे जल रहा कूड़ा, डीएम से हुई शिकायत, अब इन पर होगी कार्रवाई

एक तरफ शासन-प्रशासन पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर में खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है और जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। मंगलवार को महानगर कॉलोनी स्थित उमंग पार्ट-2 के दर्जनों निवासी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम अविनाश सिंह को ज्ञापन सौंपकर कूड़ा जलाने की समस्या से निजात दिलाने की मांग की।

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बरेली। एक तरफ शासन-प्रशासन पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर में खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है और जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। मंगलवार को महानगर कॉलोनी स्थित उमंग पार्ट-2 के दर्जनों निवासी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम अविनाश सिंह को ज्ञापन सौंपकर कूड़ा जलाने की समस्या से निजात दिलाने की मांग की।

निवासियों ने बताया कि कॉलोनी का कचरा कई महीनों से सीधे नदी किनारे फेंका जा रहा है। सफाई का जिम्मा जिस संस्था (RWA) को दिया गया है, उसे हर महीने शुल्क भी दिया जाता है, लेकिन सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। रात में यही कचरा जलाया जाता है, जिससे पूरे इलाके में जहरीला धुआं फैल जाता है। लोगों का कहना है कि प्लास्टिक और कूड़े के धुएं से सांस लेने में तकलीफ, खांसी और आंखों में जलन जैसी दिक्कतें बढ़ गई हैं। बच्चों और बुजुर्गों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो रही है।

निवासियों ने इसे स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे योजना की भावना के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह वायु और जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। पहले भी संस्था से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लोगों ने मांग की कि नदी किनारे जमा कचरे को तुरंत हटाया जाए और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे।