
बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के ड्रीम प्रोजेक्ट रामायण वाटिका में निर्माण कार्य में लगातार देरी अब कार्यदायी संस्था पर भारी पड़ गई है। निर्माण की धीमी रफ्तार और लापरवाही पर बीडीए ने संस्था पर 20 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा में काम पूरा नहीं हुआ, तो एजेंसी का अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा।
रामगंगा नगर और ग्रेटर बरेली क्षेत्र को नए शहर के रूप में विकसित करने के लिए बीडीए ने कई परियोजनाएं शुरू की हैं। सड़कों के चौड़ीकरण से लेकर जनसुविधाओं के विस्तार तक इन योजनाओं को गति देने की जिम्मेदारी कई कार्यदायी संस्थाओं को सौंपी गई है। लेकिन, रामायण वाटिका जैसी महत्वपूर्ण परियोजना में एजेंसी की लापरवाही ने प्राधिकरण की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शुक्रवार और शनिवार को बीडीए अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। पाया गया कि पिछले निरीक्षण के बाद भी निर्माण की स्थिति जस की तस है। सड़क, लैंडस्केपिंग और मूर्ति स्थापना के कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई। इस पर अधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए एजेंसी पर 20 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया।
परियोजना के तहत रामगंगा नगर में भगवान श्रीराम के वनवासी स्वरूप की 51 फीट ऊंची कांस्य मूर्ति स्थापित की जानी है। इस मूर्ति को विश्वप्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी ऐतिहासिक कृति बनाई थी। योजना के अनुसार यह मूर्ति अगस्त तक पूरी होनी थी, लेकिन अभी तक काम अधूरा है। डॉ. ए. मनिकंडन, उपाध्यक्ष बीडीए ने कहा कि रामायण वाटिका प्रोजेक्ट में लगातार देरी अस्वीकार्य है। कई बार नोटिस देने के बावजूद एजेंसी ने सुधार नहीं किया। इस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तय समय में काम पूरा न होने पर अनुबंध रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
संबंधित विषय:
Published on:
02 Nov 2025 11:59 am
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग

