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पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरोध में शिक्षकों के धरना प्रदर्शन पर प्रशासन ने लगाई रोक, जाने कब तक

पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ‌टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अवेटा) के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। बिना इजाजत भीड़ जुटाकर सड़क जाम करने पर प्रशासन ने अवेटा को अगले छह महीने तक धरना और प्रदर्शन करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ‌टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अवेटा) के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। बिना इजाजत भीड़ जुटाकर सड़क जाम करने पर प्रशासन ने अवेटा को अगले छह महीने तक धरना और प्रदर्शन करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

शुक्रवार को सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में अवेटा के जिला संयोजक डॉ. मुनीष कुमार गंगवार के नेतृत्व में शिक्षक जुटे और मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी मुख्य मार्ग पर आ गए और सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया। इसी दौरान दो एंबुलेंस मरीजों को लेकर रास्ते से गुजर रही थीं, लेकिन जाम में फंस गईं। एंबुलेंस का हूटर बजता रहा, पुलिस ने रास्ता दिलाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद किसी तरह रास्ता खाली कराया गया।

सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री ने बताया कि अवेटा की ओर से प्रदर्शन के लिए न तो कोई अनुमति ली गई थी और न ही कानून व्यवस्था का पालन किया गया। ऐसे समय जब कांवर यात्रा, स्वतंत्रता दिवस और उर्स जैसे आयोजन नजदीक हैं, बगैर इजाजत भीड़ जुटाकर सड़क जाम करना गंभीर लापरवाही है।

उन्होंने बताया कि इस कृत्य को देखते हुए ‌टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन पर तत्काल प्रभाव से छह माह तक किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही यदि किसी अन्य स्तर से अनुमति दी भी गई थी तो उसे भी निरस्त कर दिया गया है। नगर मजिस्ट्रेट ने सभी विभागों को आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेताया है कि भविष्य में इस तरह की हरकत पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।