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सचिवालय में लगवा दूंगा… कहकर 30 लाख ले उड़ा ठग, डाक से भेजा फर्जी नियुक्ति पत्र, ऐसे हुआ खुलासा

सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर एक शातिर ठग ने प्रेमनगर निवासी से करीब 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी ने सचिवालय, पोस्ट ऑफिस और सीआईएसएफ में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया, फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे, यहां तक कि कुछ युवाओं की ट्रेनिंग भी करवा दी।

बरेली। सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर एक शातिर ठग ने प्रेमनगर निवासी से करीब 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी ने सचिवालय, पोस्ट ऑफिस और सीआईएसएफ में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया, फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे, यहां तक कि कुछ युवाओं की ट्रेनिंग भी करवा दी। जब नियुक्ति नहीं हुई और ठग से संपर्क टूट गया, तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ। एसएसपी के आदेश पर प्रेमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

प्रेमनगर के राजेंद्र नगर निवासी अर्जुन पासवान ने पुलिस को बताया कि लगभग छह महीने पहले वह रेलवे नगर, इज्जतनगर में मॉर्निंग वॉक के दौरान कुन्दन कुमार नामक युवक के संपर्क में आए। कुन्दन, जो झारखंड के धनबाद का निवासी है, उन दिनों बरेली में अपने किसी रिश्तेदार के यहां ठहरा हुआ था। बातचीत बढ़ी तो उसने बताया कि उसकी पटना सचिवालय और कई अन्य सरकारी विभागों में गहरी पहुंच है और वह नौकरी दिला सकता है।

47 लाख की डील, 30 लाख पहले ही हड़प लिए

अर्जुन ने पहले अपने बेटे विराट पासवान की नौकरी के लिए कुन्दन से बात की। इसके बाद कुन्दन ने कहा कि जिन-जिन लोगों की नौकरी लगवानी है, उनके नाम एक साथ दे दो। अर्जुन ने इस पर भरोसा कर बिहार शरीफ में अपने मामा के घर रिश्तेदारों से बातचीत की और सुमित नंदन, राजीव कुमार, समीर राज, मुकेश कुमार, लव कुमार, दीपक पासवान और मेघा कुमारी के नाम सुझाए। नौकरी की कुल डील 47 लाख रुपये में तय हुई, जिसमें अर्जुन पासवान ने अलग-अलग तारीखों में कुन्दन और उसके साथी मनोज कुमार के बैंक खातों में 20 लाख 19 हजार रुपये फोन पे के जरिए ट्रांसफर किए। इसके अलावा 10 लाख नकद भी दिए गए।

डाक से आए फर्जी नियुक्ति पत्र, मिली नकली ट्रेनिंग

कुछ दिन बाद कुन्दन ने सभी नामों के फर्जी नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक से भिजवाए। किसी को सचिवालय में चपरासी, किसी को क्लर्क, तो किसी को सीआईएसएफ में महिला कांस्टेबल की नौकरी दी गई। सभी चयनित अभ्यर्थियों को अलग-अलग स्थानों पर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, जहां उनसे कहा गया कि नियुक्ति स्थान की जानकारी डाक से जल्द भेजी जाएगी। 15 दिन बाद भी जब कोई पत्र नहीं आया और कुन्दन से संपर्क करना चाहा तो वह पहले टालता रहा, फिर अर्जुन का नंबर ब्लॉक कर दिया।

एसएसपी के दखल पर दर्ज हुई एफआईआर

ठगी का अहसास होने पर अर्जुन पासवान ने पूरे मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की। एसएसपी के निर्देश पर प्रेमनगर पुलिस ने आरोपी कुन्दन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। प्रेमनगर इंस्पेक्टर का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है, सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है। साक्ष्य जुटाकर आरोपियों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।