बरेली। बिजली विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का चाबुक चला है। शहरी क्षेत्र के 11 केवी वार्टिकल में तैनात अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र कुमार को कनेक्शन देने में देरी और कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में लखनऊ मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। वहीं, एचआर टीम के अवर अभियंताओं का पैसे के लेनदेन का ऑडियो वायरल होने पर दो जेई को टीम से हटा दिया गया है।
बिजली विभाग की जमा योजना के तहत बॉन सिक्योरस कॉन्वेंट, बीसलपुर रोड को विद्युत कनेक्शन देने में देरी पर अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र कुमार पर गाज गिरी। अधीक्षण अभियंता द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि सुरेन्द्र कुमार अपने कार्य में लगातार लापरवाही बरत रहे हैं, जिससे विभाग की छवि खराब हो रही है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने गुरुवार को आदेश जारी कर उन्हें 11 केवी वार्टिकल से हटाकर लखनऊ मुख्यालय में अटैच कर दिया।
एचआर टीम से जुड़े कुछ कर्मचारियों का एक ऑडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें बिजली चोरी के एवज में 12 हजार रुपये में समझौता करने की बात कही जा रही थी। मामला मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश के संज्ञान में आने पर उन्होंने अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल सिंह को जांच सौंपी।
ब्रह्मपाल सिंह ने अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान और एसडीओ रविंद्र सिंह की दो सदस्यीय टीम से जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद दो अवर अभियंताओं को एचआर टीम से हटा दिया गया।
जांच के आधार पर अवर अभियंता अवध नारायण पाल को एचआर टीम से हटाकर 33 केवी वर्टिकल में और अनिल कुमार गुप्ता को कॉमर्शियल-2 में स्थानांतरित किया गया है। उनकी जगह 33 केवी के जेई गयादीन और कॉमर्शियल-2 के जेई जुगराज सिंह रावत को एचआर टीम में शामिल किया गया है।
Published on:
01 Aug 2025 09:14 am