बरेली। शहर के आवास विकास कॉलोनी निवासी और एसी कारोबारी विक्रम गुप्ता एक बड़ी साइबर ठगी का शिकार हो गए। मंगलवार शाम को उन्हें वाट्सएप पर एक अनजान नंबर से ट्रैफिक चालान के नाम पर एक लिंक भेजा गया, जिसमें एक संदिग्ध एपीके फाइल अटैच थी। जैसे ही उन्होंने वह फाइल डाउनलोड की, उनका मोबाइल फोन हैंग हो गया और कुछ ही देर में उनके बैंक खातों से करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाइन निकासी कर ली गई।
विक्रम गुप्ता ने बताया कि शाम करीब 5:30 बजे उन्हें एक वाट्सएप मैसेज मिला जिसमें लिखा था कि उनकी कार का स्पीड ट्रैफिक चालान कट गया है। साथ ही एक एपीके फाइल भेजी गई थी, जिसे खोलने पर मोबाइल अचानक से काम करना बंद कर गया। उन्होंने सोचा कि शायद फोन ओवरहीट या ज्यादा इस्तेमाल की वजह से हैंग हुआ है, इसलिए उसे कार की सीट पर रख दिया।
कुछ देर बाद जब विक्रम अपने ऑफिस पहुंचे, तो मोबाइल में एक के बाद एक ओटीपी और बैंक ट्रांजेक्शन के मैसेज आने लगे। उन्होंने जब बेटे से बात की तो पता चला कि ये मैसेज सिर्फ 1.5 लाख या दो लाख के नहीं, बल्कि कुल 17 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन से जुड़े थे।
फोन का क्लोन तैयार कर साइबर अपराधियों ने उनके मोबाइल नंबर से लिंक करीब आठ बैंक खातों से रियल टाइम में पैसे निकाल लिए।
घबराए विक्रम ने तुरंत एक परिचित पुलिस अधिकारी को सूचना दी, जिन्होंने उन्हें www.cybercrime.gov.in पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करने को कहा। टोलफ्री नंबर पर कॉल करने के बाद उन्हें फोन को तुरंत फैक्टरी रिसेट करने की सलाह दी गई।
बुधवार दोपहर तक उन्हें कुल 1.79 लाख रुपये की ठगी की ट्रांजेक्शन आइडी प्राप्त हो चुकी है, बाकी की जानकारी बैंक खुलने के बाद उपलब्ध हो सकेगी।
किसी भी अनजान नंबर से आई फाइल या लिंक पर क्लिक न करें।
सरकारी विभाग कभी भी एपीके फाइल भेजकर जानकारी नहीं मांगते।
साइबर ठगी की स्थिति में तत्काल 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
Published on:
30 Jul 2025 09:26 am