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अंता विधानसभा उपचुनाव: नरेश मीणा के समर्थन में उतरे अरविंद केजरीवाल, क्या बदल जाएंगे चुनावी समीकरण?

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले में स्थित अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव ने अब राष्ट्रीय स्तर का रंग ले लिया है।

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Naresh Meena and Arvind Kejriwal

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव ने अब राष्ट्रीय स्तर का रंग ले लिया है। कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरे नरेश मीणा को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का खुला समर्थन मिल गया है।

अरविंद केजरीवाल के इस समर्थन के बाद प्रदेश की राजनीति में एक नई चर्चा शुरु हो गई है। अब यह मुकाबला त्रिकाणीय हो चुका है, जहां वोटों का बंटवारा निर्णायक भूमिका निभाएगा।

केजरीवाल के ट्वीट से सक्रिय हुई AAP

दरअसल, मंगलवार को नरेश मीणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर AAP और अरविंद केजरीवाल से समर्थन की गुहार लगाई थी। उनके ट्वीट में लिखा था कि वे बदलाव की लड़ाई लड़ रहे हैं और AAP का साथ चाहिए। इसके कुछ ही घंटों बाद केजरीवाल ने जवाब दिया कि नरेश जी, आम आदमी पार्टी पूरी तरह से आपके साथ है। इसके बाद नरेश मीणा ने केजरीवाल का आभार जताया है।

बताते चलें कि समर्थन घोषणा के साथ ही राजस्थान में AAP के कार्यकर्ता और समर्थक मैदान में कूद पड़े। सोशल मीडिया पर #AAPStandsWithNareshMeena हैशटैग ट्रेंड करने लगा। इसके बाद अंता की यह स्थानीय लड़ाई अब राष्ट्रीय पटल पर पहुंच चुकी है। AAP के प्रदेश स्तर के नेता और कार्यकर्ता प्रचार अभियान में जुट गए हैं। वे नरेश मीणा के पक्ष में सोशल मीडिया कैंपेन चला रहे हैं।

अंता में बचे कुल 15 उम्मीदवार

उपचुनाव के लिए कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच है। कांग्रेस की ओर से प्रमोद जैन भाया हैं, जो हाड़ौती क्षेत्र के अनुभवी और कद्दावर नेता माने जाते हैं। भाया पूर्व में कई बार विधायक रह चुके हैं और कांग्रेस का मजबूत आधार रखते हैं। भाजपा ने मोरपाल सुमन को टिकट दिया है, जो पार्टी के लिए नया चेहरा हैं लेकिन संगठन की ताकत पर भरोसा जता रहे हैं।

निर्दलीय नरेश मीणा युवा चेहरा हैं, जिनकी पकड़ मीणा और धाकड़ समुदाय के वोट बैंक में मजबूत है। पूर्व में कांग्रेस से जुड़े रहने के कारण उनके समर्थक मुख्य रूप से कांग्रेस के पारंपरिक वोटर हैं। अब AAP के समर्थन से शहरी मध्यम वर्ग, युवा और बदलाव की चाह रखने वाले मतदाता उनकी ओर झुक सकते हैं।

क्या कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नरेश मीणा का सीधा असर कांग्रेस के वोट बैंक पर पड़ेगा। मीणा कांग्रेस से बागी होकर मैदान में उतरे हैं, इसलिए उनके पूर्व समर्थक और युवा वर्ग कांग्रेस से छिटक सकता है। AAP का समर्थन इसे और मजबूत बनाता है, क्योंकि आपका एंटी-इनकंबेंसी और भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव कांग्रेस की कमजोरियों को उजागर करेगा। इससे वोटों का विभाजन होगा, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।

यहां देखें वीडियो-


भाजपा की माइक्रो मैनेजमेंट रणनीति

भाजपा ने उपचुनाव को गंभीरता से लिया है। सोमवार को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक पार्टी ने बागी नेताओं को मनाने में सफलता हासिल की। पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल सहित पांच प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। मेघवाल ने मोरपाल सुमन को खुला समर्थन दिया।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि हमने माइक्रो मैनेजमेंट स्तर तक तैयारी की है। हर बूथ पर कार्यकर्ता तैनात हैं, संगठन की पकड़ मजबूत है। बागियों को मनाकर हमने एकजुटता दिखाई है।" पार्टी केंद्रीय नेताओं की रैलियां और डोर-टू-डोर अभियान चला रही है।

सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान

गौरतलब है कि अंता में 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। अंता सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी, लेकिन अब उपचुनाव में नया समीकरण बन रहा है। मौसम ठंडा है, लेकिन राजनीतिक माहौल गर्म। मतदाता उत्साहित हैं, और वोटिंग प्रतिशत ऊंचा रहने की उम्मीद है।