Goat Milk Soap: बांसवाड़ा। आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने नवाचार करते हुए बकरी के दूध से साबुन बनाया है, जिसे त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होना बताया जा रहा है। राजीविका मिशन के तहत आयोजित हुए मेले में इसकी बिक्री की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह साबुन गाय के दूध से बने उत्पादों की तरह ही त्वचा को पोषण देता है। विश्व माता वनधन केंद्र डडूका गढ़ी से जुड़ी रूप कांता डामोर ने बताया कि राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद) के सहयोग से खुद का उद्यम शुरू किया है। बकरी के दूध को एक विशेष प्रक्रिया से गुजारने के बाद इसमें विटामिन, वैसलीन आदि मिलाया जाता है। गुलाब जल व बेस मिला कर साबुन बनाते हैं।
समूह में कुल 300 सदस्य हैं पर साबुन के प्रोजेक्ट में 30 महिलाएं काम करती हैं। समूह अब अपने अन्य उत्पादों को बढ़ाने की योजना बना रहा है और ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए इसे राज्य भर में उपलब्ध कराने की तैयारी में है।
राजीविका मिशन के मेले में इस उत्पाद की काफी मांग देखी गई। स्टॉल पर मौजूद एक ग्राहक, कविता शर्मा ने इस साबुन को अन्य सामान्य साबुन से काफी बेहतर बताया, क्योंकि इसमें रसायन का प्रयोग नहीं किया गया है।
बकरी का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन ए, डी और ई के साथ-साथ लैक्टिक एसिड भी पाया जाता है। ये तत्व त्वचा को गहराई से नमी देते हैं। उसे मुलायम बनाते हैं और कई तरह के संक्रमण से बचाते हैं। यह गाय के दूध के समान ही त्वचा के लिए गुणकारी है। बकरी के दूध से बना साबुन एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है। -डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव, जिला कलक्टर (एमबीबीएस)
इस प्रकार के उत्पाद को लंबे समय तक उपयोग करना होता है। प्राकृतिक रूप से भी बकरी का दूध त्वचा के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इसमें कई विटामिन पाए जाते हैं। -डॉ. हरीश शर्मा, त्वचा रोग विशेषज्ञ
Published on:
02 Aug 2025 08:39 am