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सरकारी अस्पतालों के बाहर जन औषधि केंद्रों पर कोई प्रतिबंध नहीं : गुंडूराव

राज्य सरकार ने सरकारी चिकित्सकों को केवल वहीं दवाएं लिखने के लिए निर्देशित किया है, जो सरकार आपूर्ति करती है। इससे मरीज सरकारी अस्पतालों के परिसरों में संचालित व्यावसायिक दुकानों से दवाइयां खरीदने पर मजबूर नहीं होंगे।

file photo

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव Dinesh Gundu Rao ने कहा कि राज्य सरकार Karnataka Government ने केवल राज्य के सरकारी अस्पतालों में ही संचालित जन औषधि केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया है। अस्पताल परिसर के बाहर चल रहे एक भी जन औषधि केंद्र बंद नहीं हुए हैं। लोग अपनी इच्छानुसार इन केंद्रों से दवाइयां खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा J P Nadda ने जन औषधि केंद्रों Jan Aushadhi Centres को राज्य सरकार द्वारा मंज़ूरी दिए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को पत्र लिखा था। गुंडूराव ने नड्डा को स्पष्टीकरण देते हुए अपने पत्र में कहा कि राज्य में 1,417 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं और कर्नाटक देश में शीर्ष पर है। कर्नाटक सरकार सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक औषधि सूची (इएमएल) के अनुसार सभी आवश्यक दवाइयां नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है।सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुव्यवस्थित करने और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवाओं से वंचित किए जाने की किसी भी संभावना से बचने के लिए, राज्य सरकार ने सरकारी चिकित्सकों को केवल वहीं दवाएं लिखने के लिए निर्देशित किया है, जो सरकार आपूर्ति करती है। इससे मरीज सरकारी अस्पतालों के परिसरों में संचालित व्यावसायिक दुकानों से दवाइयां खरीदने पर मजबूर नहीं होंगे।

गुंडूराव ने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों के परिसरों के बाहर जन औषधि केंद्रों के संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। राज्य के 1,417 जन औषधि केंद्रों में से 184 केंद्र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित सरकारी अस्पतालों के परिसरों में स्थित हैं। बाकी केंद्र सरकारी अस्पतालों के परिसरों के बाहर संचालित हो रहे हैं।

जन औषधि केंद्रों की दर पर मिले दवाइयां

गुंडूराव ने आगे लिखा, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के अनुसार जन औषधि दवाओं की कीमतें खुले बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं की कीमतों से 50-80 फीसदी कम हैं। फार्मा और मेडिकल ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआइ) इन योजनाओं का संचालन करती है। अनुरोध है कि पीएमबीआइ को राज्य के स्वास्थ्य विभाग को उन्हीं दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए जिन पर जन औषधि केंद्रों को आपूर्ति की जाती है। इससे राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सरकारी अस्पतालों में प्रस्तावित नि:शुल्क दवा आपूर्ति में काफी मदद मिलेगी।