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सार्वजनिक शिक्षा की रक्षा के लिए उठाई आवाज

ऐसे समय में जब सभी निम्न जातियों और महिलाओं को व्यवस्थित रूप से शिक्षा से वंचित रखा जाता था, विद्यासागर ने 35 से अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना की।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और महान विद्वान पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर Pandit Ishwarchandra Vidyasagar की 134 वीं पुण्यतिथि पर अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (एआईडीएसओ) के नेतृत्व में मंगलवार को शहर भर के छात्रों और शिक्षकों ने सार्वजनिक शिक्षा की रक्षा के लिए आवाज उठाई।

एआईडीएसओ बेंगलूरु जिला समिति ने स्कूलों, कॉलेजों, पार्कों और सार्वजनिक मैदानों में कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए। समिति के जिला सचिव अजय कामत ने कहा, विद्यासागर का दृढ़ विश्वास था कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता। ऐसे समय में जब सभी निम्न जातियों और महिलाओं को व्यवस्थित रूप से शिक्षा से वंचित रखा जाता था, विद्यासागर ने 35 से अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना की।

उन्होंने गांव-गांव घूमकर समाज के सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। विज्ञान, तर्कशास्त्र, गणित और अंग्रेजी को शामिल करके शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण किया।उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बार फिर अप्राप्य और असमान होती जा रही है। देश भर में सरकारी स्कूलों के बंद होने से छात्रों के एक बड़े वर्ग के शिक्षा प्रणाली से बाहर होने का खतरा है।