CG News: बलौदाबाजार जिले में 105 ऐसे बच्चों का पता चला है, जिनके माता-पिता या तो इस दुनिया में नहीं और अगर हैं तो जेल में बंद। इनमें से कुछ परिवार के साथ पल रहे हैं, तो कुछ शहर, नगर और गांवों में घुमंतुओं सा जीवन बिताने को मजबूर हैं। ‘साथी’ ईकाई इनकी शिक्षा-दीक्षा का इंतजाम करने जा रही है। इसके लिए सभी बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग की स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जा रहा है। आधार कार्ड और नामांकन से लेकर कानूनी सहायता में भी मदद की जा रही है।
दरअसल, बलौदाबाजार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बेसहारा बच्चों को कानूनी सहायता दिलाने और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए साथी ईकाई का गठन किया है। ईकाई का काम यह देखना है कि कोई भी बच्चा कानूनी हक और न्याय से वंचित न हो। ऐसे बच्चे समाज में उपेक्षित न रहें।
इसके लिए 26 अगस्त से कैंपेनिंग शुरू हुई है, जो 9 सितंबर तक चलेगी। अब तक ईकाई ने 105 बच्चों को चिन्हांकित किया गया है। इन बच्चों के अभिभावक, माता-पिता नहीं हैं। कुछ बच्चे ऐसे भी चिन्हाकिंत किए गए जिनके पिता-माता के हत्या जैसे गंभीर आरोपों में लंबे समय के लिए जेल में सजायाफ्ता हैं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके माता पिता में अब एक ही अभिभावक है और।
वे अपने बच्चे का भरण पोषण और उसकी शिक्षा-दीक्षा में समर्थ नहीं है। ऐसे सभी बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना की मदद से लाभ दिलाने की तैयारी पूरी कर ली है। ईकाई में पैरालीगल वालिंटियर के तौर पर हर्षा चंद्राकर, ओजस्व अग्रवाल, लाखन बंजारे, सुकदेव सेन, नारेंद्र देवांगन, अजय वर्मा, अशोक श्रीवास्तव, चन्द्रशेखर श्रीवास, हिमांशु साहू, मोनिका दीक्षित, ईश्वरी घृतलहरे, नागेश यदु, लोकेश यदु, अश्वनी साहू, केशव साहू, पीयूष साहू, प्रीतम बंजारे, प्रेमकुमारी जैसे कई सेवा दे रहे हैं।
कैंप में न्यायिक अधिकारी मंजूलता सिन्हा ने बच्चों को किशोर न्याय के बारे में जानकारी दी। उनसे जुड़े नियम-कानून और अधिकार समझाउए। न्यायिक अधिकारी प्रशांत भास्कर ने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने कॉपी, पेन और चॉकलेट बांटी। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का यह कैंपेन बलौदाबाजार जिले के प्रधान जिला न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देशन और प्राधिकरण की सचिव अमिता जायसवाल मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। कैंप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राधेश्याम ध्रुव, प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश राकेश वर्मा भी मौजूद रहे।
साथी ईकाई के पास 31 जुलाई तक केवल 35 बेसहारा बच्चों की जानकारी थी। शुक्रवार को प्राधिकरण ने चिन्हांकित बच्चों के लिए मेडिकल कैंप का आयोजन किया था। इसी दौरान पैरालीगल वॉलंटियर्स ने 70 और बच्चों की जानकारी साथी ईकाई को दी। इस तरह एक ही दिन में बेसहारा बच्चों का आंकड़ा बढ़कर 105 पर पहुंच गया। इस दौरान वॉलंटियर्स से कहा गया कि वे उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ें। इधर, कैंप में मेडिकल टीम के अलावा महिला एवं बाल विकास के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। यहां बच्चों ने उनसे अपनी समस्याएं बताईं। ज्यादातर समस्याओं का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया।
Published on:
02 Aug 2025 10:58 am