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दो जिले के बीच में बसा गांव सुंदर नगर विकास से कोसो दूर

बालोद जिले का अंतिम गांव सुंदर नगर दो जिले की सीमा में होने के कारण विकास से कोसों दूर है। बालोद और मानपुर-मोहला जिला की सीमा पर बसे इस गांव में कई समस्याएं हैं। इसकी दूरी जिला मुख्यालय से लगभग 48 किमी है। यह गांव ग्राम पंचायत हितापठार का आश्रित ग्राम है।

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बालोद जिले का अंतिम गांव सुंदर नगर दो जिले की सीमा में होने के कारण विकास से कोसों दूर है। बालोद और मानपुर-मोहला जिला की सीमा पर बसे इस गांव में कई समस्याएं हैं। इसकी दूरी जिला मुख्यालय से लगभग 48 किमी है। यह गांव ग्राम पंचायत हितापठार का आश्रित ग्राम है।

सतीश रजक/बालोद. जिले का अंतिम गांव सुंदर नगर दो जिले की सीमा में होने के कारण विकास से कोसों दूर है। बालोद और मानपुर-मोहला जिला की सीमा पर बसे इस गांव में कई समस्याएं हैं। इसकी दूरी जिला मुख्यालय से लगभग 48 किमी है। यह गांव ग्राम पंचायत हितापठार का आश्रित ग्राम है। गांव में शासकीय प्राथमिक शाला है। इस स्कूल का संचालन मानपुर- मोहला जिला शिक्षा विभाग से होता है। इसलिए इस गांव में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। स्कूल भवन जर्जर है। बिजली तक नहीं है। स्कूल का गेट प्लास्टिक पाइप के सहारे लटका हुआ है। गांव की आबादी 200 है। यहां के विकास पर शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।

गांव बालोद जिले में और स्कूल मानपुर-मोहला जिले में

इस गांव में 40 घर हैं, जो बालोद जिले में है, लेकिन स्कूल मानपुर मोहला जिले में आता है। इस गांव में शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं आते। साल 2016 में ही स्कूल का रंगरोगन करना था, लेकिन फंड के अभाव में रंगरोगन नहीं हुआ हैं। स्कूल में शौचालय, आहाता एवं पेयजल की व्यवस्था और बिजली तक नहीं है।

4 किमी घने जंगल व कच्चा रास्ता ही सहारा

इस गांव में पहुंचने के लिए कमकापार से लगभग 4 किमी घने जंगल व कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है। यही वजह है कि इस गांव में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं जाते। गए होंगे तो वो भी कभी कभार। गांव की स्थिति देख ग्रामीण भी परेशान हैं। गांव में पहुंच मार्ग बनाने की मांग कई बार की गई, आज तक कोई ध्यान नहीं दिया।

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राशन के लिए 4 किमी सफर

ग्रामीण नरेश कोर्राम ने बताया कि राशन के लिए गांव से लगभग 4 किमी दूर जाते हैं। बदहाल होने के लिए ग्रामीण मिलकर इस गांव में रास्ता तैयार करते हैं। कुछ साल पहले गांव तक राशन देते थे, लेकिन कुछ माह ही यह चला, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। इस गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी टंकी नहीं है। पाइपलाइन बिछाई गई है। दो साल बाद भी जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी सप्लाई नहीं हुई।

स्कूल को शामिल करें बालोद जिला में

ग्रामीण सुनील कुंजाम ने कहा कि स्कूल को मानपुर मोहला जिला से हटाकर बालोद जिला में शामिल करें। गांव बालोद जिला में है। गांव में विकास के द्वार खोलें, जिससे विकास हो।

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स्कूल को बालोद जिला शिक्षा विभाग से संचालित करने की चल रही तैयारी

मानपुर-मोहला के बीईओ राजेंद्र देवांगन ने कहा कि स्कूल की स्थिति से वाकिफ हैं। स्कूल में दर्ज संख्या के हिसाब से ही राशि दी जाती है, जिससे रंग रोगन, मरम्मत हो सके। गांव बालोद जिले और स्कूल मानपुर मोहला जिला में है। तैयारी चल रही है कि स्कूल भी बालोद जिला शिक्षा विभाग से संचालित हो।

सरपंच से ली जाएगी पूरी जानकारी

जनपद पंचायत डौंडीलोहारा के सीईओ पंकज देव ने कहा कि गांव की पूरी जानकारी मंगाकर विकास को लेकर योजना बनाई जाएगी। ग्राम पंचायत के सरपंच से पूरी जानकारी ली जाएगी।