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Rakshabandhan : ट्रेन व बसों में भीड़, बेहोश हुई दो महिलाओं को इलाज के लिए ले गए अस्पताल

रक्षाबंधन के दिन बसों व ट्रेनों में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। बड़ी मुश्किल से बहनें अपनी भाइयों को राखी बांधने के लिए घर पहुंचीं।

रक्षाबंधन के दिन बसों व ट्रेनों में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। बड़ी मुश्किल से बहनें अपनी भाइयों को राखी बांधने के लिए घर पहुंचीं।

शनिवार को जिलेभर में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। भाइयों की कलाई में राखी बांधने से पहले सैकड़ों बहनों को भाइयों के पास आने के लिए परीक्षा देनी पड़ी। रक्षाबंधन के दिन बसों व ट्रेनों में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। बड़ी मुश्किल से बहनें अपनी भाइयों को राखी बांधने के लिए घर पहुंचीं।

दो महिला भीड़ की वजह से बेहोश हो गईं

शनिवार को ट्रेन में ही दो महिला भीड़ की वजह से बेहोश हो गईं, जिसे बालोद रेलवे स्टेशन में उतार कर एक महिला को संजीवनी 108 से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। वह रायपुर से पंखाजूर जा रही थी। ट्रेन में भारी भीड़ होने के कारण उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और ट्रेन में ही वह बेहोश हो गई थी। दूसरी महिला को ट्रेन से ही दल्लीराजहरा ले गए। वहीं लगातार मांग ट्रेन की बोगी को बढ़ाने की की जा रही है। यहीं नहीं चार बोगी बढ़ाने की मंजूरी भी मिल गई है लेकिन अभी तक आठ बोगी यात्री ट्रेन चल रही है।

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यात्री ट्रेन की क्षमता 640 पर यात्रा कर रहे 1000 से अधिक

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन में कुल 8 बोगी हैं और इन 8 बोगियों में लगभग 640 सीटें हैं लेकिन रोजना इन ट्रेनों में सफर लगभग 1000 से अधिक लोग कर रहे हैं, जिसमें तो कई ऐसे भी यात्री हैं, जो टिकट तक नहीं लेते। बिना टिकट के यात्रा करते हैं। रेलवे ने इस ट्रेन में 4 और बोगी बढ़ाने की बात कही है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

ट्रेन व बसों में नहीं मिली सीट, खड़े-खड़े किया सफर

रक्षाबंधन की वजह से बहनें अपने भाइयों के घर पहुंचीं। इसी वजह से बसों व ट्रेनों में सफर कर आ रही है। भीड़ ज्यादा होने के कारण सीट न मिलने पर यात्रियों को खड़े होकर भी सफर करना पड़ा। बहनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। रोडवेज अफसरों के दावे के अनुसार न तो अतिरिक्त बसें दौड़ती दिखीं न ही बसों के फेरे बढ़े। घंटों यात्री बसों का इंतजार करते रहे। रक्षाबंधन मनाने के लिए घर जाने वालों की ट्रेनों और बसों में भारी भीड़ रही।

बसों व ट्रेनों में यात्री पसीने से लथपथ दिखे

पत्रिका द्वारा रेलवे स्टेशन व ट्रेन तथा बस स्टैंड व बसों में यात्रियों की ली गई तस्वीर देखने पर ही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर कितनी तकलीफों का सामना महिलाओं, बुजुर्ग व छोटे बच्चों को सफर करने में हो रही है। बसों व ट्रेनों में यात्री पसीने से लथपथ दिखे क्योंकि उमस भरी गर्मी नें यात्रियों को परेशान किया।

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आरटीओ व पुलिस की टीम भी गायब

बसों में क्षमता से अधिक यात्री ढोए जाने व रेलवे स्टेशन में यात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम दिखाई नहीं दिखे। बस स्टैंड का पुलिस सहायता केंद्र बंद रहा। वहीं रेलवे पुलिस भी स्टाफ की कमी का रोना रो रही है।

यात्रियों नें कहा.. आखिर क्यों यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते

यात्री दीप्ति शर्मा, राहुल उपाध्याय, नागेंद्र, सरोजनी ठाकुर ने बताया ट्रेन की सुविधा तो अच्छी है लेकिन यहां यात्रियों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बालोद बस स्टैंड में यात्री गोलू गुप्ता, राधिका मंडावी ने बताया कि बस स्टैंड में भी पुलिस सुरक्षा दी जानी चाहिए। यात्रियों की भीड़ व असामाजिक तत्वों पर निगरानी के लिए पुलिस की तैनाती जरुरी है।

बिना टिकट सफर करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जा रही

थाना प्रभारी, रेलवे बालोद टीएस ध्रुव ने कहा कि मरोदा से दल्लीराजहरा तक चलने वाली ट्रेन में गस्त की जा रही है। यात्रियों की सुरक्षा पर रेलवे की टीम लगातार कार्य कर रही है। त्यौहारी सीजन में भीड़ होने की वजह से यात्री परेशान जरूर हुए। बिना टिकट सफर करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

बस स्टैंड में पुलिस की टीम तैनात रहती है

थाना प्रभारी बालोद शिशुपाल सिन्हा ने कहा कि बस स्टैंड में पुलिस की टीम तैनात रहती है। यात्रियों से भी अपील की गई है कि अगर किसी भी तरह की परेशानी हो तो पुलिस सहायता केंद्र या फिर थाना आकर जरूर बताएं।