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खाद के लिए सोसायटी के द्वार में लगा रहे ऋण पुस्तिका की लाइन

बालोद जिले के सोसायटियों में इन दिनों खाद की किल्लत हो रही है। खाद के लिए सुबह 6 बजे से आकर अपनी ऋण पुस्तिका सोसायटी के मुख्य द्वार पर रख रहे हैं। ऐसा नजारा बुधवार को जिले के ग्राम पोंडी में संचालित सेवा सहकारी समिति में देखने को मिला, जहां खाद के लिए कतार में किसान लगे रहे।

बालोद जिले के सोसायटियों में इन दिनों खाद की किल्लत हो रही है। खाद के लिए सुबह 6 बजे से आकर अपनी ऋण पुस्तिका सोसायटी के मुख्य द्वार पर रख रहे हैं। ऐसा नजारा बुधवार को जिले के ग्राम पोंडी में संचालित सेवा सहकारी समिति में देखने को मिला, जहां खाद के लिए कतार में किसान लगे रहे।

Fertilizer crisis : बालोद जिले के सोसायटियों में इन दिनों खाद की किल्लत हो रही है। खाद के लिए सुबह 6 बजे से आकर अपनी ऋण पुस्तिका सोसायटी के मुख्य द्वार पर रख रहे हैं। ऐसा नजारा बुधवार को जिले के ग्राम पोंडी में संचालित सेवा सहकारी समिति में देखने को मिला, जहां खाद के लिए कतार में किसान लगे रहे। भीड़ को देखते हुए कई किसान लौट गए। यह पहली बार है, जब किसानो को खाद के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि कृषि व सहकारिता विभाग का दावा है कि जिलेभर की सेवा सहकारी समितियों में पर्याप्त खाद उपलब्ध करा दिया गया है।

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इस साल देर से खाद का भंडारण शुरू हुआ

इस साल विभाग ने देर से खाद का भंडारण शुरू किया। पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं होने के कारण ज्यादा परेशानी हो रही थी। अब किसानों को थोड़ी राहत होगी। क्योंकि खाद सोसायटियों में पहुंचने लगा है। खाद की कमी को लेकर किसानों व कांग्रेस ने चक्काजाम भी किया था। आंदोलन के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि एक सप्ताह के भीतर खाद पहुंचाया जाएगा।

31 हजार 745 क्विंटल खाद का भंडारण

रासायनिक खाद की किल्लत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले कुल 57 हजार 821 क्विंटल रासायनिक खाद का लक्ष्य है। अब तक जिले की सेवा सहकारी समितियों के खाद गोदामों में कुल 31 हजार 745 क्विंटल रासायनिक खाद का भंडारण हो चुका है।

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26 हजार क्विंटल खाद का वितरण भी

सेवा सहकारी समितियों से लगभग 26 हजार 791 क्विंटल खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। शेष खाद का वितरण बाकी है। कुछ ऐसी भी समितियां हैं, जहां खाद का इंतजार है। बारिश के बाद खेतों में लिए धान की फसलों के विकास के लिए खाद का छिड़काव करते हैं।

खाद नहीं मिलने से किसानों की चिंता बढ़ी

समितियों में एनपीके खाद भी उपलब्ध नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का मानना है कि खेतों में डीएपी खाद की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। खाद नहीं मिली तो बहुत नुकसान हो जाएगा। समिति में डीएपी व एनपीके दोनों ही खाद पर्याप्त उपलब्ध नहीं हैं। बाजार से डीएपी लेते हैं तो सरकारी रेट से 400-500 रुपए महंगा मिलेगा।

अधिकारी स्वीकार रहे डीएपी की कमी

सोसायटियों के अधिकारी डीएपी की कमी को स्वीकार रहे हैं। वहीं, डायमोनियम फॉस्फेट खाद की जगह पर एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) खाद देने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन सरकारी समितियों में एनपीके खाद भी उपलब्ध नहीं है।

गोदामों में अभी 4053 टन खाद बचा

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुताबिक एक जुलाई की स्थिति में जिले में यूरिया, पोटास, सुपर, डीएपी, एनपीके मिलाकर कुल 57, 821 टन खाद का भंडारण करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 31 हजार 745 टन खाद का भंडारण किया गया है। 26791 टन खाद का वितरण किया जा चुका है। खाद गोदामों में 4953 टन खाद बचा है। एनपीके खाद 15031 टन वितरण करना है। अभी तक मात्र 5602 टन भंडारण हुआ है और 5335 टन वितरण भी हो चुका है। इसी तरह इस साल विभाग ने 22134 क्विंटल धान बीज का भंडारण का लक्ष्य रखा है वहीं 22530.40 क्विंटल बीज का भंडारण किया है, जिसमें से 20795 क्विंटल का वितरण एवं 1736.70 क्विंटल धान बीज शेष है।

किया जा रहा खाद का भंडारण

उपसंचालक कृषि विभाग बालोद जेएस ध्रुव ने कहा कि मांग के अनुरूप सोसायटियों में खाद का भंडारण किया जा रहा है। जल्द सभी सोसायटियों में पर्याप्त खाद भंडारण हो जाएगा।