Lightning conductor: नेशनल बिल्डिंग कोड आफ इंडिया के मुताबिक 12 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले भवनों में फायर एंड लाइफ सेफ्टी के इंतजाम अनिवार्य हैं। इसके तहत भवनों में आकाशीय बिजली से बचने के लिए तड़ित चालक का इंतजाम भी जरुरी है। बालोद में ही 12 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले 50 से अधिक भवन हैं और अभी कई भवन बन रहे हैं। यही नहीं जो बन गए हैं पर अभी तक किसी में भी तड़ित चालक नहीं लगवाया गया है। नगर में दर्जन भर मोबाइल टॉवर हैं पर इसमें भी तड़ित चालक लगाने पर ध्यान नहीं है।
जिले में बीते माह ही धूमरापठार में अकाशीय बिजली गिरने से दो किसानों की मौत हो गई। तीन साल पहले तो शासकीय भवन पर बिजली गिर गई थी, जिससे बिजली, पंखे, फ्रीज खराब हो गए थे। बीते साल पूर्व कलेक्टर ने सभी शासकीय विभागों में भी तड़ित चालक अनिवार्य किया था।
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जानकारी के मुताबिक तड़ित चालक एक धातु की चालक छड़ होती है। तड़ित चालक का ऊपरी सिरा नुकीला होता है। इसे मोबाइल टॉवर, इमारतों के सबसे ऊपर हिस्से लगाया जाता है। इसे तार से जोड़कर सीधे नीचे धरती में कॉपर प्लेट के साथ गाड़ दिया जाता है। तड़ित चालक के कारण आकाशीय बिजली से भवनों व आसपास क्षेत्र को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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नगर पालिका बालोद के अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी ने कहा कि शासन की गाइडलाइन में ऊंचे भवनों, टॉवरों में तडि़त चालक लगाने का प्रावधान है। तड़ित चालक लगाने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे और अपने ऊंचे भवनों में तड़ित चालक लगाने अपील करेंगे।
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Updated on:
19 Jul 2025 11:23 pm
Published on:
19 Jul 2025 11:21 pm