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सोने से पहले बिस्तर देखें, कहीं सांप तो नहीं! सर्पदंश के ऐसे 24 केस इस माह सामने आए…

Snake Bite in CG: बालोद जिले में बरसात के मौसम में सोने से पहले अपने बेड की साफ सफाई जरूर कर लें। कहीं आपके बेड में कोई सांप तो नहीं है।

सोने से पहले बिस्तर देखें, कहीं सांप तो नहीं!(photo-patrika)
सोने से पहले बिस्तर देखें, कहीं सांप तो नहीं!(photo-patrika)

Snake Bite in CG: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बरसात के मौसम में सोने से पहले अपने बेड की साफ सफाई जरूर कर लें। कहीं आपके बेड में कोई सांप तो नहीं है। बीती रात ग्राम उरेटा के एक युवक को जहरीले करेत सांप ने कांट लिया। यह युवक अपने बिस्तर पर सोया हुआ था।

लगभग 1 बजे के करीब उसे कुछ काटने जैसा लगा और चक्कर आने लगा, जब बेड से उठा तो देखा कि सांप बेड में था, जिसके बाद उसे तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया। स्वास्थ्य खराब होने के कारण बेहतर इलाज के लिए उसे रेफर किया गया।

Snake Bite in CG: सरकारी आंकड़े

वहीं दूसरी घटना जिले के ग्राम निपानी में खेत में निंदाई का काम कर रही 60 वर्षीय अगसिया बाई के हाथ को सांप ने कांट दिया, जिसे परिजनों ने जिला अस्पताल लाया, जहां उसका इलाज जारी है। वहीं सांप काटने के लगातार आ रहे मामले को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।

आंकड़े की बात करें तो जिला अस्पताल में एक माह के भीतर ही 24 सर्पदंश के मामले सामने आए हैं। अच्छी बात यह रही कि सर्प दंश से पीड़ित लोगों ने समय रहते अस्पताल आकर उपचार करवाया। तब जाकर उनकी जान बची। अगर इलाज में देरी करते तो उनकी जान भी जा सकती थी।

तीन साल में 61 लोगों को सांप ने कांटा

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले के अस्पतालों में तीन साल में सर्पदंश के 61 मामले सामने आए हैं। हालांकि मौत का आंकड़ा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अस्पताल में सर्पदंश का इलाज कराने आए मरीजों का ही आंकड़ा है। अगर बाहर सांप ने कांटा व निजी अस्पतालो में इलाज कराया तो इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इस साल जिले भर में 24 सर्पदंश के मामले आए हैं। ये आंकड़े जून 2025 तक के हैं। जबकि इस साल जिला अस्पताल में ही एक माह में सर्प दंश के 24 मामले आ चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा…..

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएल उइके ने बताया घर में जूते, चप्पलों, घर के कोनो आदि को उपयोग करने के पहले अच्छी तरह से देख लें। रोज उपयोग होने वाले जूते-चप्पलों व अन्य सामानों तो जमीन में न रखें। हो सके तो 2 से 3 फीट ऊपर रखें। खुले पैर न रहें। हो सके तो हाई काउंटर या गम बूट पहनें।

जिला चिकित्सालय व समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संर्पदश के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में एंट स्नेक वेनम उपलब्ध है। मरीजों को चाहिए कि झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर समय और जान न गवाएं।

बारिश के मौसम में बढ़ जाती हैं घटनाएं

स्वास्थ्य विभाग की माने तो जिले का बड़ा भाग जंगल से आच्छादित है, जिसमें सर्पदंश की घटनाएं अधिक होती हैं। विशेषकर बारिश में जहरीले सांप, बिच्छू व अन्य कीड़ों के काटने का खतरा बढ़ जाता है। सर्पदंश जैसे प्रकरणों में सही समय में सही उपचार न मिले तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलेंस इकाई (महामारी नियंत्रण) ने अलर्ट जारी किया है। जूते, चप्पल को अच्छी तरह देख लें, झाड फूंक के चक्कर में न रहें।