मानसून के साथ ही पेट से जुड़ी बीमारियों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज उल्टी-दस्त, फूड प्वाइजनिंग, टाइफाइड और पीलिया जैसी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में भी रोज आने वाले मरीजों में 20 फीसदी लोग पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक इस मौसम में गंदगी, खुले में बिकने वाला खाना और दूषित पानी ही इन बीमारियों के बड़े कारण बन रहे हैं।
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अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली के अनुसार मानसून में नमी और तापमान बैक्टीरिया और वायरस के लिए अनुकूल माहौल बना देते हैं। इसके अलावा खुले में बिक रहे कटे फल, बासी खाना और दूषित पानी पेट में संक्रमण फैला देता है। मक्खी-मच्छर भी भोजन को संक्रमित कर देते हैं। इस मौसम में घर का ताजा और गर्म भोजन ही खाएं। सड़क किनारे खुले खाद्य पदार्थों से बचें और पैक्ड स्नैक्स, जूस जैसी चीजें बच्चों को न दें।
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हाल ही में डौंडीलोहारा के ग्राम मुडख़ुसरा में फुटु की सब्जी खाने से एक ही परिवार के 13 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। उन्हें इलाज के लिए डौंडीलोहारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
विशेषज्ञ का कहना है कि पाचन से जुड़ी बीमारियों के मरीजों में हर उम्र के लोग शामिल हैं। एसएमएस की मेडिसिन ओपीडी और जेके लोन में भी मरीज पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा बच्चे और युवा प्रभावित नजर आ रहे हैं। बाहर का खाना, लापरवाही और साफ-सफाई का ध्यान न रखना इसकी वजह है।
अस्पतालों में आने वाले ज्यादातर मरीजों ने बताया कि उन्होंने बाहर का खाना खाया था या गंदे पानी का सेवन किया था। कुछ घंटों बाद ही उल्टी-दस्त, पेट में मरोड़ और बुखार शुरू हो गया।
बार-बार उल्टी या दस्त आना। तेज बुखार। कमजोरी, चक्कर आना, पेशाब कम आना। अत्यधिक थकान या बेहोशी। सिर दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन। जी मिचलाना।
घर का ताजा और साफ खाना खाएं। खुले और स्ट्रीट फूड से दूर रहें। डॉक्टर से सलाह लें। ज्यादा पानी और ओआरएस लें।
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Updated on:
15 Jul 2025 11:11 pm
Published on:
15 Jul 2025 10:43 pm