
शासकीय चिकित्सक होने के बाद भी संचालित कर रही थी निजी क्लीनिक
मप्र शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शासकीय चिकित्सकों को केवल स्वयं के निवास पर कर्तव्य अवधि के बाहर निजी प्रेक्टिस जिसमें केवल परामर्श सम्मिलित है, की अनुमति दी गई है। इसके बाद भी शासकीय चिकित्सकों द्वारा निजी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर मृणाल मीणा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में संचालित ऐसे निजी क्लीनिकों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में 30 अक्टूबर को सीएमएचओ डॉ परेश उपलप द्वारा गठित निरीक्षण दल ने जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ श्रद्धा बारमाटे एवं सिविल अस्पताल वारासिवनी की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ स्वाति मेश्राम के निजी क्लीनिक को सीलबंद कर दिया है। शासन के आदेश का उल्लंघन कर निजी क्लीनिक संचालित करने के कारण इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ परेश उपलप द्वारा अपने निज निवास से पृथक क्लीनिक संचालित करने वाले विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज महाजन, चिकित्सा अधिकारी डॉ वर्ष चौबे एवं सहायक सांख्यिकीय अधिकारी डॉ श्रद्धा सिंह को शामिल कर निरीक्षण दल गठित किया गया है। इस दल को क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार तथा थाना प्रभारी के सहयोग से कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हंै।
निरीक्षण दल ने नायब तहसीलदार मंजुलता महोबिया के साथ 30 अक्टूबर को दोपहर 1.28 बजे वार्ड नंबर 14 समता भवन के पास डॉ श्रद्धा बारमाटे स्त्री रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय बालाघाट द्वारा संचालित नीजि क्लीनिक तथा शिव मंदिर के पास आईटीआई बुढ़ी बालाघाट में डॉ स्वाति मेश्राम स्त्री रोग विशेषज्ञ सिविल अस्पताल वारासिवनी द्वारा संचालित निजी क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान डॉ श्रद्धा बारमाटे के निजी क्लीनिक में माईनर आपरेशन किए जाने से संबंधित फोरसेप किट, डिस्पोजेबल सिरिंजेस, जिले की आशा कार्यकर्ताओं की सूची एवं क्लीनिक में उपचार के लिए आने वाले रोगियों का रजिस्टर पाया गया। जिसे जांच दल द्वारा अपनी अभिरक्षा में लेते हुए क्लीनिक को सीलबंद कर दिया गया।
इसी तरह डॉ स्वाति मेश्राम द्वारा संचालित निजी क्लीनिक का निरीक्षण करने पर पाया गया कि इस क्लीनिक का संचालन डॉ सागर खंडारे एमडी मेडिसिन एवं डॉ स्वाति मेश्राम द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस क्लीनिक के प्रथम तल पर चिकित्सक का परामर्श कक्ष एवं द्वितीय तल पर पेथोलॉजी लेब संचालित पाई गई। कार्यालय अभिलेखों का परीक्षण करने पर पाया गया कि डॉ सागर खंडारे द्वारा इस क्लीनिक के संचालन के लिए मप्र उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधित स्थापनाएं अधिनियम के अधीन पंजीयन नहीं कराया गया है। इस क्लीनिक में भी ओपीडी रजिस्टर के साथ ही एक डायरी में आशा कार्यकर्ताओं के नाम एवं संपर्क मोबाईल नंबर अंकित पाए गए। जिन्हें निरीक्षण दल द्वारा अपनी अभिरक्षा में लेते हुए अवैद्य रूप से संचालित इस क्लीनिक को भी सीलबंद कर दिया गया।
राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार विभाग के अंतर्गत कार्यरत नियमित चिकित्सकए संविदा चिकित्सक एवं बंधपत्र चिकित्सक अपने निवास पर निजी प्रेक्टिस के अंतर्गत केवल परामर्श सेवाएं ही दे सकते हैं। शासकीय चिकित्सक स्वयं के नाम अथवा परिजनों के नाम से कोई क्लीनिक, नर्सिंग होम, निजी चिकित्सालय संचालित नहीं कर सकते हैं। परामर्श सेवाएं मात्र पदस्थापना मुख्यालय में ही दे सकते हैं।
वर्सन
राज्य शासन की उपरोक्त व्यवस्था का उल्लंघन करने के साथ ही मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के अधीन दंडनीय कृत्य किए जाने के कारण डॉ श्रद्धा बारमाटे एवं डॉ स्वाति मेश्राम के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
डॉ परेश उपलव, सीएमएचओ बालाघाट
Published on:
31 Oct 2025 11:59 am
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