बालाघाट. साहब, मैं अभी जिंदा हूं...। इन शब्दों के साथ एक 100 वर्षीय वृद्ध ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई। मामला जिले के लांजी तहसील के ग्राम उमरी का है, जहां के निवासी अनाराम भीमटे को उनके ही बेटे ने सरकारी दस्तावेजों में मृत बताकर उनकी जमीन अपने नाम करा ली। अब बुजुर्ग पिता न्याय पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
अनाराम ने बताया कि उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। उनका बड़ा बेटा प्रभुदास शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुआ हैए जबकि अन्य दो बेटों में एक प्रोफेसर और दूसरा शिक्षक है। उन्होंने कहा कि आठ माह पूर्व उनकी पत्नी का देहांत हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपनी सवा एकड़ जमीन व मकान बेटियों को देने का निर्णय लिया थाए लेकिन बेटे प्रभुदास ने नामांतरण के बहाने दस्तावेज लिए और फिर उन्हें मृत बताकर पूरी संपत्ति अपने नाम करवा ली।
अनाराम अब ग्राम बिलोरा में अपनी बेटी के पास रह रहे हैं और बोले कि मेरी बेटियों में एक दिव्यांग है और दूसरी विधवा। मैं अपनी जमीन उन्हें देना चाहता हूं। कुछ कर्ज भी चुकाना है। जमीन की कीमत करीब 65 लाख रुपए हैए लेकिन बेटे ने मुझे ही बेघर कर दिया है।
इस मामले में अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे ने कहा कि बुजुर्ग की शिकायत संज्ञान में आई है। बताया कि वृद्ध घर जमाई थे और जमीन उनकी पत्नी के नाम पर थी, जो अब बेटों के नाम आ गई है। बहनों को संपत्ति में हिस्सा दिलाना पारिवारिक व कानूनी मामला है, जिस पर अलग से कार्रवाई हो सकती है। बुजुर्ग के भरण.पोषण के लिए सामाजिक न्याय विभाग से सहयोग दिलाने की बात कही गई है।
बेटे ने नामांतरण के नाम पर ली थी फर्जी दस्तावेजों की मदद
अनाराम ने बताया कि उनकी पत्नी की मृत्यु के कुछ ही समय बाद बेटे ने कागजात और दो हजार रुपए लेकर नामांतरण की बात कही थी। कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर पूरी संपत्ति बेटे के नाम हो चुकी है। अब वे जीवित प्रमाण देने के लिए अफसरों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
Published on:
05 Jun 2025 05:40 pm