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नक्सलियों को अंतिम सलाम के बचे 169 दिन

29 दिन में कई बार नक्सलियों ने दर्ज कराई उपस्थिति, एक युवक की हत्या की, पुलिस पर फायरिंग भी

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29 दिन में कई बार नक्सलियों ने दर्ज कराई उपस्थिति, एक युवक की हत्या की, पुलिस पर फायरिंग भी

29 दिन में कई बार नक्सलियों ने दर्ज कराई उपस्थिति, एक युवक की हत्या की, पुलिस पर फायरिंग भी

बालाघाट. गृह मंत्रालय भारत सरकार ने 31 मार्च 2026 तक जिले से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिनों कटंगी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 31 मार्च को नक्सलियों को अंतिम सलाम..., बोलकर पुलिस को इशारे में ही इस दिशा में सक्रियता के साथ कार्य करने के निर्देश दे गए।

नक्सलियों के अंतिम सलाम का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, केन्द्र व राज्य सरकार के जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर अपडेट ले रहे हैं। बीते कुछ माह के अंदर भोपाल से एडीजी पंकज श्रीवास्तव धरातल पर नक्सलवाद खत्म करने किए जा रहे कार्यों की मानीटरिंग आदि के लिए कई बार आ चुके हैं। जानकारों की माने तो जिस दिन कटंगी में मुख्यमंत्री थे उस दिन भी वे जिले में थे।

इन सबके बीच 29 दिन के आकड़ों पर गौर करें तो तीन अलग-अलग जगह नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाए। पहला बैनर-पोस्टर लगाने के दो दिन बाद मुखबिरी की संदेह में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। मौके पर चि_ी भी छोड़ गए। इस घटना के दो दिन बाद अलग-अलग स्थानों पर बैनर-पोस्टर लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सप्ताहभर पूर्व भी पुलिस और नक्सलियों का आमना-सामना हुआ।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर आदर्शकांत शुक्ला की माने तो नक्सलियों ने सर्चिंग कर रहे जवानों पर फायरिंग की। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। इसके बाद से जंगल में पुलिस की अलग-अलग टुकड़ी नक्सलियों की तलाश के लिए सर्चिंग कर रही है। लेकिन नक्सलियों के मिलने आदि की कोई सूचना नहीं है। 31 मार्च 2026 आने में केवल 169 दिन शेष है। अब देखना यह है कि नक्सलियों को अंतिम सलाम की दिशा में पुलिस कितनी खरी उतरती है।

नक्सली करें आत्मसमर्पण, मिलेगी मदद

आईजी संजय कुमार, कलेक्टर मृणाल मीना व पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा बीते कुछ माह के अंदर नक्सल प्रभवित क्षेत्र के अलग-अलग ग्रामों में लगातार कैंप कर रहे हैं। तीनों ग्रामीणों से बात भी कर रहे हैं। कैंप के माध्यम से ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जा रहा है। शासन की विभिन्न योजनाओं से उनको लाभान्वित कराया जा रहा है। अधिकारियों की टीम ग्रामीणों को बता रही है कि नक्सलियों की विचारधारा भ्रमित करने वाली है। मप्र शासन की आत्मसमर्पण नीति बहुत अच्छी है। नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़े। प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगी