नेपाल के पर्वतीय इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार को सरयू नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ने लगा। नदी की तेज़ धार और बढ़ते पानी को देखते हुए कछार के लोग अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेज रहे हैं। साथ ही कटान की संभावना भी जताई जा रही है।
बहराइच के महसी इलाके में दो दिनों से नेपाल की पहाड़ियों में हो रही बरसात का असर अब तराई क्षेत्रों में दिखने लगा है। मंगलवार सुबह से सरयू नदी का स्तर तेजी से ऊपर उठने लगा। सुबह जहां जलस्तर खतरे से काफी नीचे था, वहीं शाम चार बजे यह खतरे के निशान से केवल 13 सेंटीमीटर दूर रह गया। नदी की गति हर घंटे दो सेंटीमीटर की दर से बनी हुई है। जिससे उसका पानी तटबंध पार करके इधर-उधर फैल रहा है।
इस गंभीर स्थिति का सर्वाधिक प्रभाव महसी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों के लोगों ने अपने पालतू जानवरों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है। ताकि रात में जलस्तर और बढ़ने की स्थिति में वे स्वयं भी अपने परिवार समेत पलायन कर सकें।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए महसी तहसील प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। एसडीएम आलोक प्रसाद ने बताया कि घाघरा नदी में भी जलस्तर बढ़ रहा है। इसी वजह से तहसील मुख्यालय पर एक बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका मोबाइल नंबर 9453103200 है। इससे बाढ़ प्रभावित नागरिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं या जानकारी दे सकते हैं। इसके साथ ही सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। छह बाढ़ शरणालयों की सफाई भी पूरी कर ली गई है। गांवों के नाविकों को एनडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है और आपात स्थिति में 147 नावों को लगाने की व्यवस्था की गई है।
Published on:
30 Jul 2025 11:49 am