US Tariff on India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत का नया टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह नीति 1 अगस्त 2025 से लागू होगी। ट्रंप ने इस फैसले के पीछे भारत के उच्च टैरिफ और रूस से सैन्य खरीद जैसे कारणों का हवाला दिया है। इस फैसले का भारत के ऑटोमोबाइल बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए समझते हैं।
अमेरिका भारत के ऑटो कंपोनेंट्स का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को लगभग 7.35 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए थे, जो बीते साल की तुलना में 8.4% अधिक था। लेकिन अब नए टैरिफ लागू होने से कंपनियों को अपने मार्जिन में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। इस फैसले से सोना कॉमस्टार जैसी निर्यातक कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है जो अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं।
टैरिफ बढ़ने से भारत के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा और कठिन हो जाएगी। जापान, कनाडा और अन्य देशों के आपूर्तिकर्ता इस स्थिति का लाभ उठा सकते हैं। इसके साथ ही, भारतीय ऑटो कंपनियों और OEMs को अब यूरोप और एशिया जैसे अन्य बाजारों की ओर रुख करना पड़ सकता है। रॉयल एनफील्ड और होंडा जैसी कंपनियां जो अमेरिका में मोटरसाइकिल बाजार को टारगेट कर रही थीं, उन्हें अब अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।
डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव का भी प्रतीक है। रूस से भारत के सैन्य संबंध और ऊर्जा आयात को लेकर अमेरिकी प्रशासन लंबे समय से असंतुष्ट रहा है। अब यह आर्थिक दबाव भारत पर कूटनीतिक असर डाल सकता है।
Published on:
31 Jul 2025 07:53 pm