Janmashtami 2025 Yog: हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। भक्ति, श्रद्धा और साथ का यह परिपूर्ण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस बार बेहद खास संयोगों के साथ आ रहा है। ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार इस बार दुर्लभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को अत्यंत शुभ और फलदायक बना रहा है।ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि जब भी यह विशेष योग बनता है, तब श्रीकृष्ण जन्मोत्सव विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन कुछ राशियों के भाग्य भी चमकेंगे और कृष्ण जी का विशेष आशीर्वाद बरसेगा।आइए जानते हैं कि इस शुभ अवसर पर कौन-सी राशियां रहेंगी श्रीकृष्ण की विशेष दृष्टि के प्रभाव में और किन्हें मिलेगा 'लाभ ही लाभ'।
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 16 अगस्त 2025 को बड़े ही शुभ संयोगों के साथ मनाया जाएगा।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन रात 2 बजे तक कर्क राशि में बुधादित्य योग बना रहेगा, जो बेहद शुभ और फलदायक माना जाता है।
कन्या राशि वालों के लिए यह जन्माष्टमी सौभाग्यशाली रहेगी। इस समय आपको बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। व्यापार में लाभ के अवसर बढ़ेंगे और प्रेम जीवन में भी मधुरता बनी रहेगी। अचानक से आर्थिक लाभ के योग बन रहे हैं, जो आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे।
धनु राशि जातकों के लिए यह समय करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला साबित हो सकता है। पुराने अटके हुए कार्य पूरे होंगे और निवेश से लाभ मिलेगा। किसी नए कार्य की शुरुआत के संकेत हैं। साथ ही, समाज में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह जन्माष्टमी नौकरी और व्यवसाय दोनों में प्रगति का समय है। मनपसंद नौकरी पाने या प्रमोशन मिलने की संभावना है। यदि व्यापार करते हैं तो कोई महत्वपूर्ण सौदा आपके पक्ष में हो सकता है। कुल मिलाकर यह पर्व आपके लिए नए अवसरों और सफलता के द्वार खोलेगा।
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, धार्मिक मान्यताओं में वर्णित है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, आधी रात के समय, रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसी कारण हर वर्ष यह पावन पर्व इसी तिथि को बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
घटना | तारीख | समय |
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अष्टमी तिथि प्रारंभ | 15 अगस्त 2025 | रात 11:49 बजे |
अष्टमी तिथि समाप्ति | 16 अगस्त 2025 | रात 9:34 बजे |
चंद्रोदय (चंद्र दर्शन) | 16 अगस्त 2025 | दोपहर 11:32 बजे |
पूजा का शुभ मुहूर्त | 16 अगस्त 2025 | रात 12:04 से 12:47 बजे तक |
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ | 17 अगस्त 2025 | शाम 4:38 बजे |
रोहिणी नक्षत्र समाप्ति | 18 अगस्त 2025 | सुबह 3:17 बजे |
Updated on:
13 Aug 2025 12:07 pm
Published on:
13 Aug 2025 11:17 am