Rakhi Puja Thali : हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। दरअसल भद्रा श्रावण पूर्णिमा तिथि में लग रही है, लेकिन उसका समापन 9 अगस्त को सूर्योदय से पहले हो जा रहा है। इसलिए आप खुशीपूर्वक रक्षाबंधन का त्योहार मनाएं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
सावन के महीने के आखिरी दिन यानी के श्रावण पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। अबकी बार श्रावण पूर्णिमा 8 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 2:12 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 9 अगस्त को दोपहर 1:21 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन शनिवार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। शनिवार, 09 अगस्त 2025 को भद्रा नहीं है, जिससे पूरा दिन शुभ है। रक्षाबन्धन पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा रहित तीन मुहूर्त या उससे अधिक व्यापिनी पूर्णिमा को अपराह्न काल व प्रदोष काल में मनाया जाता है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा, 09 अगस्त 2025 को रक्षाबन्धन है। इस दिन पूर्णिमा तिथि दोपहर 01:24 तक है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया नहीं होगा।
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से पहले एक विशेष थाली सजाती है। इस खास मौके पर आपकी थाली में ये 7 चीजें जरूर होनी चाहिए। इस पूजा की थाली में बहन नौ ग्रहों की सामग्री के साथ ही भाई की खुशहाली भी मांगती है।
इस दिन हर बहन अपने भाई को कुमकुम का तिलक लगाती है, इसे सूर्य ग्रह माना जाता है, इस खास मौके पर बहन दुआ करती है कि आने वाले साल में भाई को हर प्रकार का यश और ख्याति दें।
कुमकुम का तिलक लगाने के बाद उसके ऊपर चावल लगाया जाता है जो कि शुक्र ग्रह से मिलता है। इस दिन बहन भाई के जीवन में हर तरह की शुभता और प्रेम की कामना करती हैं।
थाली में नारियल भी रखा जाता है। इसको पूजा में श्रीफल कहा जाता है। यह राहु ग्रह से मिलता है। बहन जब भाई के हाथ में नारियल देती है तो इसका अर्थ है कि आने वाले साल में भाई को सभी प्रकार के सुख सुविधा मिले।
अब बारी आती है रक्षासूत्र की। इसे हमेशा दाए हाथ की कलाई पर बांधा जाता है। यह मंगल ग्रह से मिलता है। इसके जरिए बहन ये कामना करती है कि भाई सभी मुश्किलों से उसकी रक्षा करें।
इसके बाद बहन भाई को मिठाई खिलाती है जो कि गुरु ग्रह से मिलता है। इसके जरिए बहन दुआ करती है कि उसके भाई पर लक्ष्मी की कृपा रहे।
इसके बाद बहन भाई की दीपक से आरती उतारती है जो शनि और केतु ग्रह से मिलता है। इस दिन हर बहन ये दुआ करती है कि भाई के जीवन में आने वाले रोग और कष्ट सभी दूर हों।
इसके बाद जल से भरे कलश से भाई की पूजा की जाती है जो चंद्रमा से मिलता है जिसमें बहन दुआएं करती है कि भाई के जीवन में मानसिक शांति हमेशा बनी रहे।
ऊपर बताई गई 7 चीजों के साथ जब बहन की सच्चे दिल से दी गई दुआएं मिल जाती हैं, तो आपके 8 ग्रह शुभ प्रभाव देने लगते हैं। अब बात करते हैं नवें ग्रह की यानी बुध ग्रह। ज्योतिष में बुध को बहन का प्रतीक माना गया है। इसलिए जब आप अपनी बहन को कोई प्यार भरा उपहार देते हैं, तो न सिर्फ उसका आशीर्वाद मिलता है, बल्कि आपका बुध ग्रह भी मजबूत होता है।
Published on:
06 Aug 2025 03:23 pm