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रक्षाबंधन से पहले डाकघर बने रिश्तों के दूत, देश-विदेश तक भाईयों को पहुंचाया जा रहा बहनों का प्यार

Rakshabandhan 2025 : रक्षाबंधन से पहले ही शङर के डाकखाने बने रिश्तों के दूत। हर दिन अशोकनगर से 80 से 100 राखियां देश के अलग अलग जिलों के साथ विदेशों तक भेजी जा रही हैं।

Rakshabandhan 2025
रक्षाबंधन से पहले डाकघर बने रिश्तों के दूत (Photo Source- Patrika Input)

Rakshabandhan 2025 : रक्षाबंधन आने में अभी कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के अंतर्गत आने वाले डाकघरों में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का ये त्योहार मानों पहले ही शुरू हो चुका है। हर रोज डाकघर में कई ऐसी बहनें पहुंच रही हैं, जिनके हाथों में लिफाफे सजी हैं, जिनके अंदर राखियों के साथअपने भाई के लिए ढेर सारा प्यार है। शहर के डाकघर में पिछले 10 दिनों में अधिकतर राखी ट्रांसफर करने के लिफाफे ही दिखाई दे रहे हैं।

डाकघर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 दिन से राखी भेजने का दौर जारी है। डाक सहायक भूपेंद्र रघुवंशी ने पत्रिका से बातचीत के दौरान बताया कि, अब रोजाना 80 से 100 राखियां शहर से बहनें देशभर के साथ साथ विदशों तक भेज रही हैं। देश में सबसे ज्यादा राखियां शहर से पंजाब और उत्तराखंड जा रही हैं। वहीं बाहर से शहर में अब तक 80 से 90 राखियां आ चुकी हैं, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर संबंधितों के घरों पर पहुंचा जा रहा है, ताकि डाक से आया बहनों का प्यार उनके भाइयों को समय पर मिल सके।

प्लास्टिक कोटेड लिफाफे ज्यादा चलन में, ताकि बारिश में खराब न हो राखी

रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए डाक विभाग ने प्लास्टिक कोटेड लिफाफे तैयार किए हैं। ताकि, बारिश के चलते रक्षाबंधन के त्योहार पर राखी भीगकर खराब न हो सकें। साथ ही इन लिफाफे पर राखी का मोनो बना हुआ है, जिससे लिफाफों को देखकर समझा जा सकता है कि इसमें राखी है और रक्षाबंधन के त्यौहार से पहले प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाया जाना है।