Flood News : एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश का प्रभाव कम होने लगा है तो वहीं, दूसरी तरफ सूबे के अशोकनगर जिले में अब भी तेज बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। हालात ये हैं कि, जिले में आवाजाही के लगभग सभी रास्ते बंद हैं। साथ ही, कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात हैं। जिलेभर की बात करें तो यहां भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर करीब 250 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए। जबकि, 8 गांव ज्यादा प्रभावित हैं। बेतवा नदी ने रौद्र रूप दिखाया है। हालात ये हैं कि, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना तक को मोर्चा संभालना पड़ा। यहां तक की कई क्षेत्रों में कलेक्टर औ एसपी तक लोगों को रेस्क्यू करते नजर आए।
करीब 90 घंटे की लागातार बारिश के दौरान यहां रेस्क्यू में जुटे तमाम दलों ने लगभग 185 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, भारी बारिश से घर गिरने के कारण 2 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। भटौती गांव में 4 लोग नदी के बीच फंसे और रात 12 बजे सूचना मिली तो कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी विनीत कुमार जैन ने गांव पहुंचकर रेस्क्यू कराया व रात ढ़ाई बजे चारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जिले में बबीना से सेना के 40 जवान और लखनऊ से एनडीआरएफ के 30 जवान आए और बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया।
बेतवा नदी उफान पर आई तो कंजिया पुल डूब गया और उफान लगातार बढ़ता रहा। स्थिति ये तक बनी कि, पानी पुल से 4 फीट ऊपर पानी बहता नजर आया। वहीं, बेतवा किनारे से पांच किमी चौंड़ाई में बहती दिखी। इससे सेमरखेड़ी, किरोला, हुरेरी, बढ़ौली, सांवलहेड़ा, निटर्र, पत्थरगढ़, पिपरिया, भैंसोन और किरचिम खेड़ी समेत कई गांवों में पानी भर गया। जबकि, गांवों की हजारों बीघा जमीन बहाव के बीच डूबी नजर आईं।
Published on:
31 Jul 2025 04:38 pm