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एमपी में करोड़ों की 10 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त, खतरे में यातायात

MP News: अशोकनगर जिले में 10 से अधिक पुल-पुलियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे पीडब्ल्यूडी को करीब 5.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं राजघाट स्थित अंतरराज्यीय पुल की स्थिति चिंताजनक है।

10 bridges worth crores destroyed in MP
10 bridges worth crores destroyed in MP (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: बाढ़ और उफनती नदियों का पानी तो लौट चुका है, लेकिन अब धीरे-धीरे उसके असर की असल तस्वीर सामने आने लगी है। अशोकनगर जिले में 10 से अधिक पुल-पुलियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे पीडब्ल्यूडी को करीब 5.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं राजघाट स्थित अंतरराज्यीय पुल की स्थिति चिंताजनक है, जहां पुल की सीमेंट परत उखड़ चुकी है और सरिये बाहर आ गए हैं, जो आए दिन वहां से गुजरते सैकड़ों वाहनों के लिए खतरा बन रहे हैं।

राजघाट पुल डूबने के बाद उखड़ी सुरक्षा परत

राजघाट बांध के नीचे स्थित यह पुल मध्यप्रदेश के चंदेरी को उत्तरप्रदेश के ललितपुर, झांसी से जोड़ता है। बेतवा नदी पर बने इस पुल के ऊपर से बाढ़ के दौरान लगातार साढ़े 52 घंटे तक पानी बहता रहा, जिसकी गति 1.01 करोड़ लीटर प्रति सेकंड आंकी गई। जब जलस्तर कम हुआ, तब पता चला कि पुल की सीमेंट कंक्रीट (सीसी) परत बह गई है और कई स्थानों पर लोहे के सरिये बाहर आ गए हैं। ये सरिये न केवल वाहन चालकों के टायर फाड़ सकते हैं, बल्कि किसी बड़ी दुर्घटना की वजह भी बन सकते हैं।

बिना रैलिंग पुल, जहां सुरक्षा सिर्फ नाम की है

पुल की एक और गंभीर समस्या है रैलिंग का अभाव। इस पुल पर केवल 6-6 इंच की पत्थर की मुंडियाँ बनी हैं, जो न तो वाहन रोक सकती हैं और न ही सुरक्षा दे सकती हैं। यहां से 25 से अधिक बसें, 200 से ज्यादा भारी ट्रक और हर दिन लगभग 1,000 छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। ऐसे में सरियों और बिना रैलिंग वाले इस पुल पर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।

जिले की सात सड़कें भी प्रभावित

बाढ़ का असर सिर्फ राजघाट पुल तक सीमित नहीं है। जिले में पीडब्ल्यूडी की 6 प्रमुख सड़कों पर सात पुल-पुलियां और रपटे या तो बह गए हैं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें वाजीदपुर-पनवाड़ी मार्ग, करीला वीआईपी मार्ग, और रिजोदा-कुकरेटा मार्ग प्रमुख हैं।

सावधानी ही सुरक्षा: प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी

हालात स्पष्ट हैं… जिले में बाढ़ ने सिर्फ फसलें ही नहीं बहाईं, सड़कें और संरचनाएं भी इसकी चपेट में आ गईं। प्रशासन ने मरम्मत की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन जब तक यह पूरी नहीं होती, स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

प्रमुख क्षति विवरण


मार्ग / स्थान स्थिति अनुमानित क्षति
वाजीदपुर-पनवाड़ी मार्ग वेंटेड काजवे क्षतिग्रस्त 300 लाख रु.
करीला वीआईपी मार्ग पुलिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त 180 लाख रु.
कुकरेटा मार्ग तीन रपटे बह गए 22 लाख रु.
छीपोन मार्ग पुलिया की मिट्टी बही 10 लाख रु.
सींगाखेड़ी पुलिया स्लैब उखड़ा 10 लाख रु.
झीला मार्ग शोल्डर-फिलिंग क्षतिग्रस्त 1.5 लाख रु.
ओर नदी काजवे क्षतिग्रस्त 2.5 लाख रु.

कुल अनुमानित क्षति 526 लाख (5.26 करोड़ रु.)





(सूचना: पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार)


प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिले में जहां-जहां पुल-पुलियां या रपटे क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहां का प्राक्कलन तैयार कर मुख्यालय भेजा जा रहा है। कुछ स्थानों पर मरम्मत कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।- पीके झा, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी

राजघाट पुल की मरम्मत के लिए एमपीआरडीसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही बेतवा रिवर बोर्ड से भी अनुरोध किया जाएगा कि पुल की मरम्मत जल्द से जल्द करवाई जाए-सुभ्रता त्रिपाठी, एसडीएम, चंदेरी