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Kanwar Yatra 2025: हाईवे पर उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब, शिवभक्ति का चरम रूप, रथ-पालकी और डीजे की धूम

Amroha News: सावन के अंतिम सोमवार पर अमरोहा में हाईवे कांवड़ियों से भर गया। ब्रजघाट से गजरौला तक शिवभक्तों का सैलाब उमड़ा, भव्य रथ, पालकी और डीजे की धुनों पर झूमते भक्तों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

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Kanwar Yatra 2025: हाईवे पर उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब | Image Source - Social Media

Kanwar Yatra 2025 News In Hindi: सावन माह के अंतिम सोमवार (4 अगस्त) को भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों का उत्साह चरम पर है। गंगा जल लेने और जलाभिषेक के लिए निकले कांवड़ियों की भारी भीड़ दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर उमड़ पड़ी है। शनिवार तड़के से ही ब्रजघाट से गजरौला तक हाईवे शिवभक्तों से पट गया। चारों ओर “हर-हर महादेव” के जयकारे गूंज रहे हैं।

हाईवे बना भक्तों का महासागर

सावन के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक के संकल्प को पूरा करने के लिए लाखों कांवड़िये ब्रजघाट में गंगा स्नान कर जल भरते ही अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। सुबह 5 बजे से ही जत्थे के जत्थे पैदल यात्रा पर निकल पड़े। नज़ारा ऐसा कि ब्रजघाट से लेकर गजरौला तक मुरादाबाद जाने वाली लेन पर केवल कांवड़िये ही दिखाई दे रहे हैं।

रथ, पालकी और शिवलिंग बने आकर्षण का केंद्र

हाईवे पर शिवभक्ति के रंग में रंगे भक्त तरह-तरह की कांवड़ लेकर चल रहे हैं। कोई भव्य पालकी के साथ है, तो कोई भगवान शिव की सजीव झांकी लेकर। बिलारी से आए श्रद्धालुओं ने एक रथ में भगवान शिव, बाबा खाटू श्याम, गंगा और भूत-प्रेत की झांकी सजाई, जिसे देखकर राहगीर ठिठक गए। एक रथ में भव्य शिवलिंग स्थापित किया गया है, जो श्रद्धा और कला का अनोखा संगम है।

डीजे की धुन पर झूमते भक्त

कांवड़ यात्रा सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि उत्सव का रूप भी ले चुकी है। डीजे पर गूंजते भक्ति गीतों पर कांवड़िये झूमते हुए आगे बढ़ रहे हैं। भगवान शिव की महिमा में डूबे भक्तों को न तो उमस की परवाह है, न गर्मी की थकान। इस यात्रा में भक्ति ही ऊर्जा बन गई है।

प्रशासन अलर्ट

हाईवे पर यातायात नियंत्रण बनाए रखने के लिए प्रशासन सतर्क है। ब्रजघाट चौकी के पास पुलिस ने करीब 100 डीजे वाहनों को रोक दिया, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और कोई अप्रिय घटना न हो। सुरक्षा बल लगातार हाईवे की निगरानी कर रहे हैं।

सावन में शिवभक्ति का चरम रूप

सावन शिव का प्रिय महीना माना जाता है। हर शिवभक्त इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहता। जलाभिषेक की तैयारी कई दिन पहले से होती है। इस बार सोमवार को पड़ने वाली अंतिम तिथि 4 अगस्त को देखते हुए भक्त शुक्रवार से ही यात्रा पर निकल पड़े हैं।