भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री इस दौरान चर्चा में हैं। चर्चा की वजह है उनका 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' टीवी शो में वापसी करना। शो में वापसी के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीति के गलियारों में अलग-अलग चर्चाएं हैं। इसके अलावा जो सबसे अधिक चर्चा का विषय है वह है राहुल गांधी पर उनका नर्म रुख।
राहुल गांधी पर नर्म रुख पर स्मृति ईरानी ने जवाब इंडिया टुडे के एक शो के दौरान दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि वह उस इंसान पर सख्त तेवर क्यों अपनाएं, जब वह पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए, ऐसे आदमी को घेरने का क्या फाय़दा जो हार से पहले ही हार मान ले।
राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव क्यों लड़ा, इस पर स्मृति ईरानी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने वायनाड को इसलिए चुना क्योंकि वहां की सामाजिक परिस्थितियां उनके अनुकूल थीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने तर्क दिया कि कोई भी समझदार नेता ऐसी सीट नहीं चुनेगा, जहां उसकी हार निश्चित हो. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव को याद करते हुए कहा कि उन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया। स्मृति ईरानी ने 2014 में अपनी हार का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे अगले पांच सालों में उन्होंने कड़ी मेहनत की। उन्होंने खुद नालियां साफ कीं, गांवों में बिजली पहुंचाई, एक लाख से ज्यादा घर बनवाए, एक मेडिकल कॉलेज, 200 बेड का अस्पताल, कलेक्टर ऑफिस, पुलिस लाइन और एक फायर स्टेशन तक बनवाया।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को फिर से हरा सकती थीं, तो स्मृति ईरानी ने दृढ़ता से कहा कि हां, वह उन्हें निश्चित रूप से हरा सकती थीं, और यही वजह है कि राहुल गांधी ने वहां से चुनाव नहीं लड़ा. ईरानी ने अपने राजनीतिक करियर को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह फिर से चुनाव लड़ेंगी और उनका राजनीतिक करियर लंबा चलेगा।
Published on:
25 Jul 2025 05:56 pm