11 सालों से बंद पड़े एक सरकारी आवास का जब दरवाजा खोला गया तो कमरे के अंदर नोटों की गड्डियां पड़ी मिलीं। ये आवास एसीएमओ को दिया गया था जिसमें लगभग 10 साल पहले उनकी मौत हो गई थी। ये सभी 1000 और 500 के पुराने नोट हैं।
यह सरकारी आवास मीरानपुर सीएचसी परिसर में है। एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. बीएन तिवारी को आवंटित किया गया था। डॉ. तिवारी 28 अगस्त 2007 को अंबेडकरनगर में नियुक्त हुए थे। 29 जनवरी 2014 को उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनका शव उनके कमरे में बिस्तर पर पड़ा मिला था, जिसके बाद प्रशासन ने आवास को सील कर दिया था। इसके बाद न तो उनके परिजन सामने आए और न ही विभाग ने इस कमरे को दोबारा खोलने की जरूरत समझी।
तकरीबन एक दशक तक यह कमरा बंद रहा। इस दौरान जिले में आधा दर्जन से अधिक सीएमओ आए और चले गए लेकिन किसी ने इस आवास की ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि नए सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने इस भवन की मरम्मत कराने का निर्णय लिया तब जाकर यह मामला दोबारा प्रकाश में आया।
जिलाधिकारी से अनुमति लेकर एक टीम बनाई गई और वीडियोग्राफी के बीच कमरे का ताला तोड़ा गया। दरवाजा खुलते ही कमरे के अंदर का दृश्य देखकर अधिकारी स्तब्ध रह गए। बिस्तर के नीचे और अलमारी में छिपाकर रखे गए पुराने पांच सौ और हजार रुपये के नोट बरामद हुए, जिनकी कुल राशि 22 लाख 48 हजार रुपये थी। चूंकि ये नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो चुके हैं, इसलिए इन्हें ट्रेजरी में जमा कराया गया है।
Published on:
07 Jul 2025 07:08 pm