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लागत न मिलने से किसान ने दो ट्रॉली प्याज नदी में फेंकी, बोले – लागत भी नहीं मिल रही 

प्याज उत्पादक किसानों की परेशानी अब चरम पर पहुंच गई है। लागत मूल्य तक न मिलने से किसान हताश हो चुके हैं। इसी मायूसी में अलवर जिले के राजगढ़ उपखंड के ग्राम चंदूपुरा निवासी किसान

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प्याज उत्पादक किसानों की परेशानी अब चरम पर पहुंच गई है। लागत मूल्य तक न मिलने से किसान हताश हो चुके हैं। इसी मायूसी में अलवर जिले के राजगढ़ उपखंड के ग्राम चंदूपुरा निवासी किसान रवी मीना ने बुधवार सुबह अपनी दो ट्रॉली प्याज सूखी नदी में फेंक दी। इससे पहले भी हाल ही में कई किसानों द्वारा सूखी नदी में प्याज फेंकने की घटना सामने आयी थी।

किसान रवी मीना का कहना है कि मंडियों में प्याज का भाव इतना गिर चुका है कि 50 रुपये प्रति कट्टा में भी खरीदार नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में प्याज को मंडी तक ले जाने का भाड़ा और मजदूरी का खर्च तक नहीं निकलता।

इस घटना ने इलाके के अन्य किसानों की आर्थिक बदहाली और नाराजगी को उजागर कर दिया है। दिन-रात मेहनत करने के बावजूद जब फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता, तो किसानों के पास निराशा और हताशा के सिवा कुछ नहीं बचता।


किसान का यह कदम न केवल खेती-किसानी की वास्तविक स्थिति को दिखाता है, बल्कि यह सरकार की कृषि नीति और समर्थन मूल्य व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार इस समस्या पर क्या संज्ञान लेती है और किसानों को राहत दिलाने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।