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सरिस्का में 16 टावरों पर लगे थर्मल कैमरे आठ माह से बंद, जंगल में बाघों की निगरानी हो रही कमजोर

तीसरी आंख से दूर वर्तमान में 11 बाघ, 18 बाघिन व 19 शावक -वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी पड़ सकता है असर

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अकबरपुर. सरिस्का बाघ परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से बाघों, वन्यजीवों की सुरक्षा एवं जंगल में अन्य गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए 5 साल पहले जंगल में 16 जगह चिन्हित कर लगाए गए हाई रेगुलेशन थर्मल कैमरे आठ माह से बंद पड़े हैं। एक टावर पर लगभग पांच तरह के अलग-अलग तकनीक वाले कैमरे लगाए गए थे।सूत्रों के अनुसार डीओआईटी की तरफ से इन कैमरों की मॉनिटरिंग की जाती है। दिसंबर महीने में कैमराें का मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी का टेंडर समाप्त हो गया था। अब कैमरे बंद होने से बाघों, वन्य जीवों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। सरिस्का के जंगल में इस समय कुल 48 बाघ हैं। इसमें 11 बाघ, 18 बाघिन व 19 शावक शामिल हैं।

सरिस्का का जंगल में शिकारियों के घुसपैठ की संभावना अधिकसरिस्का का जंगल पूरी तरह से खुला हुआ है। जंगल के बीच से अलवर-जयपुर मार्ग गुजरता है और सरिस्का से सटे गांवों से जंगल में आने-जाने के कई रास्ते भी हैं। ऐसे में हमेशा शिकारियों के घुसपैठ की संभावना अधिक रहती है। आए दिन शिकार की शिकायतें भी मिल रही थी। जिसे देखते हुए 5 साल पहले सरिस्का के जंगल में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की तरफ से 16 टावरों पर प्रत्येक टावर पर पांच कैमरों के हिसाब से करीब 80 कैमरे सरिस्का जंगल में लगे थे। प्रत्येक टावर पर थर्मल, डोम, बुलट, पीटी जेट, बुलट कैमरा लगाया था, लेकिन दिसंबर माह से कैमरे बंद पड़े हैं। कैमरों का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी का टेंडर दिसंबर 2024 में समाप्त हो गया था। उसके बाद नए टेंडर की प्रक्रिया अभी चल रही है। टेंडर समाप्त होने से पहले भी कैमरों में कई तरह की तकनीकी परेशानी आ रही थी। क्योंकि कैमरे जंगल क्षेत्र में लगे हैं।

.....................यह होता है थर्मल कैमराथर्मल कैमरा को इन्फ्रारेड कैमरा या थर्मल इमेजिंग कैमरा भी कहा जाता है। एक ऐसा उपकरण है जो वस्तुओं से उत्सर्जित गर्मी (इन्फ्रारेड विकिरण) का पता लगाकर काम करता है और फिर उस गर्मी को एक दृश्यमान छवि में बदल देता है। यह कैमरा सामान्य कैमरों की तरह दृश्यमान प्रकाश पर निर्भर नहीं है, बल्कि तापमान में अंतरों को देखने के लिए इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम का उपयोग करता है। यह वीडियो थर्मल स्कैनर के काम करने के तरीके को समझाता है। थर्मल कैमरे में एक सेंसर होता है जो इन्फ्रारेड विकिरण का पता लगाता है। सभी वस्तुएं, जो परम शून्य से ऊपर के तापमान पर हैं, इन्फ्रारेड विकिरण उत्सर्जित करती हैं। कैमरे में लगा सेंसर वस्तुओं से उत्सर्जित विकिरण की मात्रा को मापता है और फिर उस डेटा को एक दृश्यमान छवि में बदल देता है। थर्मल कैमरे आमतौर पर गर्म वस्तुओं को चमकीले रंगों (जैसे लाल या पीला) और ठंडी वस्तुओं को ठंडे रंगों (जैसे नीला या हरा) में प्रदर्शित करते हैं।

थर्मल कैमरे सुरक्षा और निगरानी, निवारक रखरखाव (जैसे विद्युत प्रणालियों और मशीनरी की निगरानी) भवन निरीक्षण (जैसे ऊर्जा हानि का पता लगाना), चिकित्सा क्षेत्र (जैसे शरीर के तापमान में परिवर्तन का पता लगाना), ये अंधेरे में भी काम करते हैं।

टेंडर की प्रक्रिया चल रही हैडीओआईटी को पत्र भेजा गया था। इसके बाद यह पता चला कि दिसंबर से कैमरे बंद है और टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। कैमरों से मॉनिटरिंग में खासी मदद मिलती है। वैसे सरिस्का में 24 घंटे टीम की मदद से बाघों की मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही जंगल के अंदर कैमरा ट्रैप तकनीक से भी मॉनिटरिंग की जाती है।

अभिमन्यु सहारण, डीएफओ, सरिस्का।..............

इसी माह टेंडर होने वाला हैइसी माह टेंडर होने वाला है। दिसंबर माह से कैमरे बंद है और 16 टावरों इपर लगे हुए हैं। प्रत्येक 5 किलोमीटर की रेंज तक कार्य करते हैं।

नरेश गुप्ता, सूचना सहायक, डीओआईटी।