सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) के नए ड्राफ्ट की प्रक्रिया तीन से चार दिन में कैसे पूरी हो गई? सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल का जवाब सरकार मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान नहीं दे सकी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इस प्रकरण में कोर्ट को विश्वास में लेकर ठोस जवाब देना चाहते हैं, इसलिए दो सप्ताह का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति दे दी। अब इस प्रकरण में सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
मंगलवार को चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, तब टाइगर टेल्स ट्रस्ट की एडवोकेट पारुल शुक्ला ने कहा कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का स्थित पांडुपोल मंदिर को लेकर कमेटी बनाने के आदेश दिए थे, लेकिन बीच में सीटीएच ड्राफ्ट को भी शामिल कर दिया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह बाद इस पर समुचित सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में अलवर के झिरी स्थित तीन बंद खानों को चालू करवाने पर भी सुनवाई हुई। खान संचालकों के वकीलों ने कहा कि स्टेट इम्पावर्ड इंपैक्ट कमेटी ने एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं दी, जिससे उनकी खानें नहीं चल पा रही हैं। सीटीएच के नए ड्राफ्ट का प्रकरण चल रहा है। ऐसे में जब तक नई सेंचुरी की परिधि तय नहीं हो जाती, तब तक उन्हें खानें चलाने की अनुमति दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि 1 से 10 किमी के दायरे में खानों के संचालन के लिए जो पूर्व में आदेश जारी किए गए, वही मान्य होंगे। यानी राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
Updated on:
13 Aug 2025 11:58 am
Published on:
13 Aug 2025 11:57 am