नौगांवा. कोटाकलां गांव के नौनिहालों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसलिए ग्रामीणों ने टीनशेड लगाकर की बैठने की व्यवस्था कर दी। अब वहां बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे रहे हैं। ग्रामीणों की इस सकारात्मक पहल से स्कूल स्टाफ को भी राहत मिली है।झालावाड के एक स्कूल में हुई घटना के बाद जिले में भी सरकारी स्कूलों के भवनों का भौतिक सर्वे कराया गया था। इस दौरान गांव कोटाकलां के महात्मा गांधी विद्यालय के भवन को सर्वे टीम ने जर्जर घोषित कर शिक्षकों को विद्यालय के कक्षों में बच्चों को नहीं बैठाने की हिदायत दी थी। ऐसे में शिक्षकों और ग्रामीणों के समक्ष समस्या खड़ी हो गई थी कि बच्चाें काे कहां पढ़ाया जाएगा। कोटाकलां के ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जागररुकता का परिचय दिया और स्कूल के बाहर गांव की चौपाल पर टीनशेड लगाने सहित स्कूल के पडोस के घरों में नौनिहालों के बैठने की व्यवस्था कर दी, जिससे उनके बच्चों की शिक्षण व्यवस्था ठीक से चल रही हैं।
विद्यालय में 120 छात्र-छात्राओं का हैं नामांकनग्रामीणों ने बताया कि कोटाकलां गांव का राजकीय विद्यालय वर्ष 1984 से प्राथमिक स्तर पर संचालित था, जिसे राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2023 में महात्मा गांधी विद्यालय बना दिया। विद्यालय में करीब 120 छात्र-छात्राओं का नामांकन हैं। इसमें संचालित आंगनबाडी में भी 30 बालक अध्यनरत हैं। विद्यालय में 5 कक्षा कक्ष थे, जिनमें 3 कक्ष करीब 40 साल पुराने, एक कक्ष 15 साल पुराना और एक कक्ष 10 साल पुराना था। विभाग की ओर से गठित भौतिक सर्वे टीम ने विद्यालय के सभी कक्षों को जर्जर घोषित कर दिया और शिक्षकों को हिदायत दी कि इन कक्षों में बच्चों को नहीं बैठाया जाएं। बारिश के दौरान बच्चों का अवकाश घोषित कर दिया जाएं।गांव के लोगों से चंदा किया एकत्रित, जमीन भी दान
विद्यालय भवन अनुपयोगी घोषित होने के बाद उत्पन्न समस्या को लेकर रामगढ़ सीबीईओ विश्राम गोस्वामी नीकच पीईईओ पार्थसिंह के साथ गांव में पहुंचे और लोगों सहित विद्यालय के शिक्षकों से बातचीत की। ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पूरे गांव के लोगों से हजारों रूपए का चंदा एकत्रित किया और स्कूल के सामने खाली पडी सरकारी भूमि पर टीनशेड की व्यवस्था कर दी। स्कूल के सामने एक-दो घरों के कमरों को भी बच्चों के शिक्षण के लिए उपलब्ध करा दिया। इतना ही नहीं, गांव के ही भामाशाह बक्शी खां के पौतों ने विद्यालय के लिए जमीन देने की घोषणा भी कर दी, जिससे गांव के बच्चों को भविष्य में परेशानी न आए और विद्यालय का नया भवन इस पर विभाग की ओर से बनाया जा सके। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की ओर से भवन का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।.................
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए टीनशेड लगाएविभाग की भौतिक सर्वे टीम ने विद्यालय के सभी कमरों को जर्जर घोषित कर दिया। ग्रामीणों की ओर से बच्चों के बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए टीनशेड लगाए हैं। बच्चें शिक्षण कर पा रहे हैं। गांव के ही एक भामाशाह ने विद्यालय के लिए भूमि दान की मंशा जाहिर की है, जिसकी विभागीय प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।विश्राम गोस्वामी, सीबीईओ, रामगढ।
Published on:
07 Aug 2025 12:00 am