Usha Chaumar: देश को स्वच्छता का संदेश देने के लिए वर्ष 2021 का पद्मश्री अवॉर्ड उषा चौमर को दिया गया था। यह सम्मान तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदान किया था। स्वच्छता के लिए काम करने पर उषा चौमर को इसके अलावा भी अनेकों पुरस्कार मिल चुके हैं। उषा चौमर बचपन से ही परिवार के साथ मैला ढोने का काम करती थी। शादी के बाद ससुराल में भी यही करना पड़ा।
वर्ष 2003 में सुलभ इंटरनेशनल संस्था के संचालक बिंदेश्वरी पाठक अलवर आए। उषा उनसे मिलीं और उनसे प्रेरणा लेकर सिर पर मैला ढोने का काम छोड़ दिया। ससुराल में बहुत विरोध हुआ लेकिन तब तक उषा निश्चय कर चुकी थी कि जिंदगी में कभी मैला नहीं उठाऊंगी। उषा की इसी जिद ने समाज में बदलाव की कहानी लिख दी। आज वे पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दे रही हैं।
मैला ढोने का काम छोड़कर उषा चौमर नई दिशा संस्था से जुड़ गईं। व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया। जिसमें अचार, मुरब्बा, रूई बत्ती, सिलाई व पार्लर का काम सीखा। मैला ढोने वाली समाज की दूसरी महिलाओं को इस काम से मुक्ति दिलवाई। और प्रशिक्षण दिलवाकर सम्मान पूर्वक जीना सिखाया।
Updated on:
05 Aug 2025 04:31 pm
Published on:
05 Aug 2025 02:44 pm