अलवर। एनईबी थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले में डीग जिले के कुम्हेर कस्बा निवासी विष्णु और उसकी पत्नी आरती को गिरफ्तार किया है। वर्तमान में दोनों अलवर के 60 फीट रोड, ठाकर वाला कुआं क्षेत्र में रहते हैं। कोर्ट के आदेश पर आरती को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। जबकि उसके पति विष्णु को पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है।
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पति-पत्नी अलवर में 8 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं। इनके खिलाफ भरतपुर और उत्तर प्रदेश के हाथरस में भी ठगी के मामले दर्ज हैं। एनईबी थाना प्रभारी दिनेशचंद ने बताया 3 जुलाई को एक व्यक्ति ने आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया था।
जांच अधिकारी एएसआई अजय शर्मा ने बताया कि विष्णु व आरती की साल 2019 में लव मैरिज हुई थी। विष्णु एक निजी बैंक में काम करता था। जहां उसकी मुलाकात आरती से हुई थी। इसके बाद वह अपनी पत्नी को छोड़कर आरती के साथ रह रहा था। उन्होंने आधार कार्ड आदि में भी खुद को पति-पत्नी दर्ज करा लिया और बैंक की नौकरी छोड़कर हाथरस चले गए।
हाथरस में एक व्यक्ति को लोन दिलाने का झांसा देकर लोन का एक लाख 60 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कराने के बाद अलवर आ गए। यहां एक सोसायटी में किराए पर फ्लैट लेकर रहने लगे। पड़ोसी से नजदीकी बढ़ाई और उसे लोन दिलाने का झांसा देकर 50 हजार रुपए की ठगी की। इसी तरह बहाला निवासी एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी कर 72 हजार रुपए का लैपटॉप सहित अन्य सामान उसके नाम से खरीद लिया।
इसके अलावा 200 फीट रोड निवासी एक सब्जी विक्रेता को लोन दिलाने का झांसा देकर लोन के 5 लाख 18 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। इस रकम से एक लाख 17 हजार रुपए की स्कूटी सहित अन्य सामान खरीदा। फ्रीज, एसी व वॉशिंग मशीन डाउन पेमेंट से खरीदे, बाद में उनकी किस्त जमा नहीं कराई।
विष्णु के पिता के खिलाफ भी जयपुर ग्रामीण इलाके में फ्रॉड का प्रकरण दर्ज है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अभी हाल ही में जयपुर ग्रामीण पुलिस उसे गांव से गिरफ्तार करके लेकर गई थी। आरोपी के चाचा भी साइबर फ्रॉड के मामले में अजमेर जेल में बंद बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।
Published on:
03 Aug 2025 03:01 pm