
जिला अस्पताल अलवर (फाईल फोटो - पत्रिका)
अलवर शहर में जनाना अस्पताल में 7 दिन के नवजात की मौत के बाद उसकी मौसी उसे अस्पताल छोड़कर चली गई। काफी मशक्कत के बाद परिजनों का पता लगाकर सोमवार को नवजात का शव उनको सौंप दिया गया। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी। पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया था।
वह पिछले 7 दिन से वेंटिलेटर पर था। अस्पताल प्रशासन ने बच्चे की ज्यादा तबीतय खराब होने पर उसे जयपुर रेफर करने की सलाह दी थी, लेकिन पिता ने मना कर दिया। पुलिस के अनुसार अस्पताल में 27 अक्टूबर को बच्चे का जन्म हुआ था, लेकिन बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे शिशु अस्पताल में रेफर किया गया। बच्चे की देखभाल के लिए उसकी मौसी वहीं रुक गई थी। जब बच्चे की मौत हो गई तो 2 नवंबर की शाम मौसी बिना किसी को बताए चली गई।
डॉक्टरों ने पर्ची पर दर्ज नंबर पर फोन कर परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन किसी और का निकला। शिशु विभाग की डॉ. चारु गर्ग ने पुलिस चौकी को पत्र लिखकर बताया कि नवजात 27 अक्टूबर को भर्ती हुआ था और उसके बाद माता-पिता सिर्फ एक बार उसे देखने आए।
पुलिस ने परिजनों का पता लगाया। मृतक नवजाज के माता-पिता नयाबास इलाके में किराए के मकान में रहते हैं। मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं और पिता कैलाश तेल मिल में काम करता है। उसने बताया कि हम काम पर गए हुए थे और उन्हें भी इस घटना का कोई समाचार नहीं मिला। परिजनों के अस्पताल पहुंचने पर सोमवार को पुलिस ने बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया।
Published on:
04 Nov 2025 11:51 am
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